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केन्द्र सरकार के नए कृषि अध्यादेश का विरोध, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की मंडिया में हड़ताल

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दा एंगल।
जयपुर।
केंद्र सरकार की ओर से जून महीने में लाए गए वाणिज्य संवर्धन एवं सुविधा अध्यादेश-2020 अध्यादेश का चहुंओर जबरदस्त विरोध हो रहा है। सरकार ने लाॅकडाउन के दौरान तीन नए कृषि अध्यादेश लाए गए थे जिस विरोध में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की मंडियों में आज से हड़ताल शुरू हो गई है। व्यापार संघों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कृषि अध्यादेश से किसानाें और व्यापारियों में जबरदस्त रोष है। व्यापारियों का कहना है कि यदि सरकार ने इन अध्यादेशों को जल्द वापस नहीं लिया तो अक्टूबर से मंडिया अनिश्चतकालीन के लिए बंद कर दी जाएगी।

नए कृषि अध्यादेश का हो रहा विरोध

मोदी सरकार की ओर से हाल में लाए गए नए कृषि अध्यादेशों के विरोध में आज राजस्थान सहित हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की मंडियों में हड़ताल है। वहीं राजस्थान की 247 मण्डियां आज बंद है। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार के अध्यादेशों से पूरे देश के किसान व व्यापारियों में भारी रोष है।

इससे किसान व आढ़ती बर्बाद हो जाएगा। अगर सरकार ने अपना आढ़ती व किसान विरोधी फरमान वापस नहीं लिया, तो उसके बाद अक्टूबर महीने से मंडियां अनिश्चित काल के लिए बंद करने की योजना पर भी चर्चा की जाएगी। व्यापारी, किसान व मजदूर सड़कों पर उतरेंगे। अभी एक दिन का बंद रखकर विरोध जताया जा रहा है। 23 अगस्त को व्यापारियों की बैठक होगी, जिसमें अनिश्चतकालीन बंद का निर्णय भी लिया जा सकता है.

इसी अध्यादेश के अधीन मंडियों से बाहर काम करने वाले व्यापारी, मिलर, वेयर हाउसेज बगैर मण्डी लाइसेन्स तथा बिना मण्डी सेस चुकाये जिंसों की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। इस कानून के अनुसार राज्य के किसी भी कोने में किसान, ट्रेडर, आढ़तिया क्रय-विक्रय कर सकेंगे तथा राज्य के बाहर भी कृषि जिंस का खरीद-फरोख्त, बिना अनुज्ञापत्र लिए तथा बगैर मण्डी सेस चुकाये कर सकेंगे। इसके कारण मंडियों में कार्यरत व्यापारी व आढ़तियां का व्यापार समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है तथा मण्डी के बाहर असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाएंगे।

मंडी सेस सहित अन्य सेंस करें समाप्त

व्यपार संघों का केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि वे जिस प्रकार इस अध्यादेश के तहत मंडी के बाहर मंडी सेस तथा अन्य सेस समाप्त किए हैं, उसी प्रकार मंडियों में भी मण्डी सेस व अन्य सेस समाप्त करें। मंडियों के मेन्टीनेन्स के लिए नोमिनल मेन्टीनेन्स चार्जेज लिए जा सकते हैं। यदि केन्द्र सरकार यह नहीं कर सकती है तो मण्डी के बाहर कार्य करने वाले व्यापारी, मिलर आदि को भी राज्यों में लागू मण्डी टैक्स देय लागू किया जाए।

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