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राज्यों के मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में पीएम मोदी ने किया संबोधित

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The Angle
नई दिल्ली।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों का संयुक्त सम्मेलन हुआ। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एन वी रमन्ना, किरण रिजीजू समेत राज्यों के मुख्यमंत्री और हाईकोर्ट के जजों ने शिरकत की। वहीं राजस्थान से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जगह कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल ने शिरकत की। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में जहां एक ओर ज्यूडिशियरी की भूमिका संविधान संरक्षक की है, वहीं legislature नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है।

पीएम मोदी ने जताया विश्वास

इसी के साथ पीएम मोदी ने विश्वास जताया की संविधान की इन दो धाराओं का ये संगम, ये संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोडमैप तैयार करेगा। पीएम ने कहा कि आजादी के इन 75 सालों ने ज्यूडिशियरी और एक्जीक्यूटिव, दोनों के ही रोल्स और रिस्पाॅन्सिबिलिटी को निरंतर स्पष्ट किया है। जहां जब भी जरूरी हुआ, देश को दिशा देने के लिए ये रिलेशन लगातार इवोल्व हुआ है। 2047 में जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब हम देश में कैसी न्याय व्यवस्था देखना चाहेंगे?

ज्यूडिशियल सिस्टम को बनाएं समर्थ

पीएम ने कहा कि हम किस तरह अपने ज्यूडिशियल सिस्टम को इतना समर्थ बनाएँ कि वो 2047 के भारत की आकांक्षाओं को पूरा कर सके, उन पर खरा उतर सके, ये प्रश्न आज हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। भारत सरकार भी ज्यूडिशियल सिस्टम में में टेक्नोलाॅजी की संभावनाओं को डिजिटल इंडिया मिशन का एक जरूरी हिस्सा मानती है। उदाहरण के तौर पर, ई-कोर्ट प्रोजेक्ट को आज मिशन मोड में इम्प्लीमेंट किया जा रहा है। आज छोटे कस्बों और यहाँ तक कि गाँवों में भी डिजिटल ट्रांजेक्शन आम बात होने लगी है। पूरे विश्व में पिछले साल जितने डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए, उसमें से 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हुए हैं।

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