द एंगल
नई दिल्ली।
डीपीआईआईटी और नीति आयोग के वेबिनार में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। कार्यक्रम को कारोबारियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा की हमारी नीति और रणनीति हर तरह से स्पष्ट है। हमारी सोच है- मिनिमन गर्वमेंट, मैक्सिमम गर्वनेंस और हमारी अपेक्षा है-जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट।
बजट के क्रियान्वयन को लेकर इस बार हम नया प्रयोग कर रहे है। हमारे सामने दुनियाभर से उदाहरण है, जहां देषों ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपिबिलिटिज को बढ़ाकर देश के विकास को गति दी है। बढ़ती हुई मैन्युफक्चरिंग कैपिबिलिटिज देष में एम्प्लाॅयमेंट जनरेशन को भी उतना ही बढ़ाती है।
हर चीज में सरकार नहीं दे सकती दखल- पीएम
पीएम ने कार्यक्रम में कहा की हमारी सरकार मानती है की हर चीज में सरकार का दखल समाधान की बजाएं समस्याएं ज्यादा पैदा करता है। इसलिए हम सेल्फ रेग्युलेषन, सेल्फ अटेस्टिंग, सेल्फ सर्टिफिकेशन पर जोर दे रहे है।
एडवांस सेल बैटरीज, सोलर पीवी मॉड्यूल्स और स्पेशियलिटी स्टील को मिलने वाली मदद से देश में एनर्जी सेक्टर आधुनिक होगा। इसी तरह टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को मिलने वाली पीएलआई से हमारे पूरे एग्रीकल्चर सेक्टर को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की आपने कल ही देखा है कि भारत के प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को International Year of Millets घोषित किया है। भारत के इस प्रस्ताव के समर्थन में 70 से ज्यादा देश आए थे और फिर U-N- General Assembly में ये प्रस्ताव, सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
ये पीएलआई जिस सेक्टर के लिए है, उसको तो लाभ हो ही रहा है, इससे उस सेक्टर से जुड़े पूरे इकोसिस्टम को फायदा होगा। ऑटो और फार्मा में पीएलआई से, ऑटो पार्ट्स , मेडिकल इक्विपमेंट्स और दवाओं के रॉ मटीरियल से जुड़ी विदेशी निर्भरता बहुत कम होगी। इस वर्ष के बजट में पीएलआई स्कीम से जुड़ी इन योजनाओं के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रोडक्शन का औसतन 5 प्रतिशत इसेंटिव के रूप में दिया गया है। पीएम ने कहा की आज जिस तरह मानवता की सेवा कर रहा है, उससे पूरी दुनिया में भारत एक बहुत बड़ा ब्रांड बन गया है। भारत की साख, भारत की पहचान निरंतर नई ऊंचाई पर पहुंच रही है।