The Angle
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खेलों को केवल ‘टाइम पास’ का जरिया समझने की मानसिकता से देश को बहुत नुकसान हुआ है। मगर पिछले 8 वर्षों में देश ने इस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर खेलों के लिये बेहतर वातावरण बनाने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने बस्ती जिले में आयोजित ‘सांसद खेल महाकुंभ‘ का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा ‘एक वक्त था जब खेलों की गिनती एक पाठ्येतर गतिविधि के तौर पर हुआ करती थी। यानी इसे पढ़ाई से अलग केवल टाइम पास का जरिया समझा जाता था।
पीएम मोदी बोले- बीते 8 सालों में खेलों के लिए बेहतर माहौल बनाने का काम किया
उन्होंने कहा कि बच्चों को भी यही बताया और सिखाया गया। इससे पीढ़ी दर पीढ़ी एक मानसिकता समाज के अंदर घर कर गई कि खेल इतना जरूरी नहीं है। वह जीवन और भविष्य का हिस्सा नहीं है। इस मानसिकता से देश का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि कितने ही सामर्थ्यवान युवा, कितनी ही प्रतिभाएं मैदान से दूर रह गई। मगर पिछले 8 वर्षों में देश ने इस पुरानी सोच को पीछे छोड़ दिया है। खेलों के लिए एक बेहतर वातावरण बनाने का काम किया गया है। इसलिए अब ज्यादा बच्चे और नौजवान खेल को कैरियर विकल्प के तौर पर देखने लगे हैं।
खेल को अब मिल रही सामाजिक प्रतिष्ठा भी- मोदी
मोदी ने कहा कि फिटनेस से लेकर हेल्थ तक, टीम बाउंडिंग से लेकर तनाव से मुक्ति के साधन तक, पेशेवर कामयाबी से लेकर व्यक्तिगत सुधार तक, खेल के अलग-अलग फायदे लोगों को नजर आने लगे हैं। खुशी की बात यह है कि माता-पिता भी अब खेलों को गंभीरता से ले रहे हैं। खेल को अब एक सामाजिक प्रतिष्ठा मिलने लगी है। उन्होंने कहा कि लोगों की सोच में आए इस परिवर्तन का सीधा लाभ खेल के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर दिख रहा है। आज भारत लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। हमने ओलंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। पैरालंपिक में भी अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। यह तो अभी शुरुआत है। अभी हमें और लंबी यात्रा करनी है। नए लक्ष्यों को हासिल करना है और कई नए रिकॉर्ड बनाने हैं।
सांसद खेल महाकुंभ आयोजन को प्रधानमंत्री ने सराहा
वहीं पीएम मोदी ने सांसद खेल महाकुंभ के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह खेल महाकुंभ युवा खिलाड़ियों को नई उड़ान का अवसर देगा। मोदी ने कहा कि यह भी आवश्यक है कि ऐसी खेल की प्रतियोगिताएं लगातार चलती रहनी चाहिए। इससे खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग को लगातार परखने का मौका मिलता है।