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जालौर में स्कूली छात्र की मौत पर राजनीति तेज, सीएम गहलोत ने दिलाया जल्द न्याय दिलाने का भरोसा

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जालौर में शिक्षक की पिटाई के बाद घायल हुआ छात्र, जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई

The Angle

जयपुर।

जालौर में एक निजी विद्यालय के शिक्षक के दलित बच्चे से मारपीट और फिर इलाज के दौरान बच्चे की मौत को लेकर सियासत शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार ने जहां मामले में संवेदनशीलता बरतते हुए तुरंत आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया और मृतक बच्चे के परिवार को सीएम रिलीफ फंड से 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया गया है, वहीं भाजपा मासूम की मौत को लेकर भी राजनीति कर रही है।

सीएम गहलोत ने घटना पर दुःख जताया, केस ऑफिसर स्कीम के जरिए जल्द सजा दिलाने के प्रयास

सीएम गहलोत ने ट्वीट कर छात्र के उपचार के दौरान निधन पर दुःख जताते हुए लिखा कि जालौर के सायला थाना क्षेत्र में एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा मारपीट के कारण छात्र की मृत्यु दुःखद है। आरोपी शिक्षक के विरुद्ध हत्या और SC/ST एक्ट की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तारी की जा चुकी है। मामले के त्वरित अनुसंधान और दोषी को जल्द सजा दिलाने के लिए प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया है। पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा। मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपए सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी।

सतीश पूनिया बोले- सरकार कमजोर हो तो बढ़ती हैं ऐसी घटनाएं

वहीं बीजेपी नेताओं के भी इस मामले पर बयान सामने आने लगे हैं। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इस तरह की घटनाएं इसी बात का प्रमाण हैं कि राजस्थान का मुख्यमंत्री लाचार है, राजस्थान का जो गृहमंत्री है वो मजबूर है और वो इन सब बातों को कायम करने के लिए कमजोर है और जब सरकार कमजोर होती है, मंत्री कमजोर होता है, मुख्यमंत्री कमजोर होता है, तो ऐसी घटनाओं में इजाफा होता है। मुझे लगता है कि पानी अब सिर से गुजर गया, लेकिन एक अपील जरूर करूंगा कि हमारे लिए सियासत से बड़ा समाज है, समाज की एकता और भाईचारा बना रहे, ये अपील जरूर करूंगा और जो दोषी हैं उनको कड़े से कड़ा दंड जरूर मिले।

सरकार के हिसाब से इंटरनेटबंदी ही एकमात्र जरिया- सतीश पूनिया

साथ ही पूनिया ने ये भी कहा कि ऐसी घटनाओं को सरकार बहुत कैजुअल लेती है, लापरवाही से लेती है, गंभीरता से नहीं लेती, उस सरकार की ऐसा लगता है कि संवेदनाएं खत्म हो गईं और इंटरनेट की पाबंदी उन्होंने एकमात्र जरिया समझ लिया, उनको हिम्मत से, साहस से इस परिस्थिति का मुकाबला करके और समाज को भरोसा दिलाना चाहिए।

घटना दोबारा नहीं हो, इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई कर स्कूल की मान्यता रद्द करे सरकार- रामलाल शर्मा

इसी तरह प्रदेश पार्टी मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने भी इस मामले पर अपना बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि जालौर जिले के अंदर एक निजी विद्यालय के एक शिक्षक के द्वारा एक दलित बच्चे के साथ इतनी मारपीट करना कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो जाए, मेरे ख्याल से राजस्थान के अंदर ये पहली घटना है, उसके बावजूद भी राजस्थान की सरकार उसके ऊपर गंभीरता से कार्रवाई नहीं कर रही। भाजपा मांग करती है कि प्रदेश के अंदर इस प्रकार की दूसरी घटना घटित नहीं हो, तत्काल कार्रवाई भी करें और विद्यालय संचालकों के खिलाफ भी कार्रवाई करें, विद्यालय की मान्यता को रद्द करने का काम करें, ताकि एक अनुशासन विद्यालय के अंदर बना रहे।

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