द एंगल
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नये साल पर 6 राज्यों को लाइट हाउस प्रोजेक्ट और आवास परियोजनाओं की सौगात दी है। पीएम ने विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए इन परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की लाइट हाउस प्रोजेक्ट देश के काम करने के तरीकों को उत्तम उदाहरण है। आज एक नए संकल्प, नई ऊर्जा के साथ तेजी से आगे बढने का शुभ समय है। पीएम ने कहा की ये 6 प्रोजेक्ट देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे।
आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रोसेस से बनेंगे ये प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की दुनिया भर की 50 से ज्यादा इनोवेटिव कंस्ट्रक्शन टेक्नालजी ने इस समारोह में हिस्सा लिया, इस ग्लोबल चैलेंज से हमें नयी टेक्नॉलजी को लेकर इनोवेट और इंप्लीमेंट करने का स्कोप मिला है। उन्होने बताया की ये प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रोसेस से बनेंगे। इसमें कंस्ट्रक्शन का समय कम होगा और गरीबों के लिए ज्यादा अर्फोडेबल और कम्फर्टेबल घर तैयार होंगे।
घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक होगी विकसित
देश में ही आधुनिक हाउसिंग तकनीक से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिए आशा इंडिया प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक विकसित की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 6 वर्षों में जो कदम उठाए उसको लेकर संतोष जताया और कहा की अब तक उठाए कदमों ने एक सामान्य आदमी का, खासकर मेहनतकश मध्यमवर्गीय परिवार का यह भरोसा लौटाया है कि उसका भी अपना घर हो सकता है। पीएम ने कहा की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बहुत ही कम समय में लाखों घर बनाए जा चुके है और लाखों घरों का निर्माण अभी जारी है।
कम समय में बनेंगे आरामदायक और सुरक्षित घर
पीएम ने कहा कि इन घरों को बनाने में कम समय लगेगा। ये घर हवादार, आरामदायक और सुरक्षित होंगे। लखनऊ में बनने वाले घर में कनाड़ा की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसमें पहले से दीवारें बनी होंगी, इन दीवारों को प्लास्टर और पेंट करने की भी जरूरत नहीं है। अगरतला में स्टील फ्रेम में तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इस तकनीक को न्यूजीलैंड से मंगाया गया है।
इंदौर में जो घर बन रहे हैं उनमें ईंट और गारे की दीवारे नहीं होंगी, बल्कि प्री फेबरिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम इसमें इस्तेमाल किया जाएगा। राजकोट में बनने वाले घर में टनल के जरिए मोनोलिथिक कंक्रीट का इस्तेमाल होगा, फ्रांस की इस तकनीकी से हमें गति मिलेगी और बनने वाला नया ज्यादा आपदा को झेलने में सक्षम होगा।