दा एंगल।
कोलकाता।
टीम इंडिया के पूर्व ओपनर, कप्तान और अभी बीसीसीआई के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली आज 48 साल के हो गए हैं। क्रिकेट के मैदान और बाहर इस क्लासिक बैट्समैन को ‘दादा’ कहा जाता है। सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था। गांगुली ने क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में टेस्ट डेब्यू किया था। 131 रन की पारी खेली। यह इस मैदान पर डेब्यू करते हुए किसी भी बल्लेबाज का सबसे बड़ा स्कोर है।
इंग्लैंड के खिलाफ सौरव गांगुली ने टेस्ट में किया पर्दापण
सौरव गांगुली ने 20 जनवरी 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट क्रिकेट जीवन की शुरुआत की थी। वहीं वनडे में उनका पर्दापण 1992 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हो गया था। 113 टेस्ट मैचों में गांगुली ने 7212 और 311 वनडे खेलने के बाद उन्होंने 11363 रन रन बनाए। भारत की ओर से वर्ल्ड कप में सबसे बड़ा स्कोर 183 उनके नाम है। गांगुली ने वनडे में कुल 22 शतक लगाए, जिसमें से 18 शतक उन्होंने भारत के बाहर लगाए। कप्तानी की बात करें तो विदेशी जमीन पर उनकी कप्तानी में भारत ने 28 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से 11 में जीत हासिल की।
ज्यॉफ्री बॉयकॉट ने दिया ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’ नाम
सौरव का परिवार शुरू से ही आर्थिक तौर पर मजबूत है। उनके पेरेंट्स ने सौरव का निकनेम ‘महाराज’ रखा था। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और मशहूर कमेंटेटर ज्यॉफ्री बॉयकॉट ने सौरव को ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’ नाम दिया। गांगुली ने अजहरउद्दीन की कप्तानी में टेस्ट डेब्यू किया। बाद में अजहर गांगुली की कप्तानी में 11 वनडे खेले।
सौरव गांगुली ने सन् 2000 भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया था। वे 2002 की नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में अपनी शर्ट उतारने के बाद मीडिया की आलोचना का विषय बने थे। उन्होंने 2003 क्रिकेट विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया था और फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से हार गए थे। गांगुली को 2004 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। पाकिस्तान के खिलाफ 2007 में गांगुली ने अंतिम एकदिवसीय और 2008 मंे आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम टेस्ट मैच खेला था।