The Angle
नई दिल्ली।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ असंसदीय टिप्पणी के मामले में नोटिस का जवाब दिया है। राहुल ने लोकसभा सचिवालय को दिए जवाब में अलग-अलग कानूनों का हवाला देते हुए अपनी टिप्पणी को सही ठहराया है। इसके साथ राहुल ने कई पन्नों में अपने बयान को डिटेल से समझाया भी है। बता दें राहुल ने 7 फरवरी को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान हिंडनबर्ग-अडाणी मुद्दे को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी की थी। इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और प्रह्लाद जोशी ने 10 फरवरी को लोकसभा सचिवालय में उनके खिलाफ असंसदीय और अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल पर विशेषाधिकार हनन नोटिस जारी किया था। लोकसभा सचिवालय ने नोटिस पर राहुल को 15 फरवरी तक जवाब देने को कहा था।
अडानी मामले पर केंद्र को घेर रहे थे राहुल, विपक्षी सांसदों ने लगाए थे ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे
बता दें लोकसभा में पिछले 7 फरवरी को राहुल ने 45 मिनट की स्पीच की शुरुआत भारत जोड़ो यात्रा से की। इसके बाद वे गौतम अडाणी के मुद्दे पर आ गए। उन्होंने अडाणी और हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछे। राहुल ने कहा कि 2014 में गौतम अडाणी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 609वें नंबर पर थे। कुछ ही साल में न जाने क्या जादू हो गया, अडाणी इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर आ गए। इस पर कांग्रेस सांसदों ने ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का नारा भी लगाया।
राहुल गांधी ने सदन में दिखाई थी पीएम मोदी और गौतम अडानी की एक साथ की तस्वीर
इस स्पीच के दौरान एनडीए सांसदों ने ऐतराज भी जाहिर किया था कि आप प्रधानमंत्री पर बिना आधार के आरोप लगा रहे हैं। आपको इसका सबूत देना चाहिए और अगर नहीं है तो देश से माफी मांगनी चाहिए। हालांकि राहुल की स्पीच इन छोटे-मोटे हंगामों के बीच भी चलती रही और ये अडाणी पर बयानों, सवालों और दावों पर ही फोकस थी। इसके साथ ही राहुल ने एक तस्वीर सदन में दिखाई, इसमें मोदी और गौतम अडाणी नजर आ रहे थे। एनडीए मेंबर्स ने इसका भी विरोध किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने राहुल को टोका और स्पीच फिर शुरू हुई। राहुल ने कहा कि इनका हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री के साथ क्या रिश्ता है और कैसा रिश्ता है?