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2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी राजस्थान कांग्रेस ! बीजेपी को देगी कड़ी टक्कर

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राजस्थान पीसीसी कार्यालय

The Angle

जयपुर।

राजस्थान कांग्रेस में सियासी घमासान के बाद से ही पार्टी विभिन्न मंचों पर अपना पक्ष रखने के लिए प्रवक्ताओं की कमी से जूझ रही है। लेकिन अब इसका हल निकाला जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पीसीसी ने प्रवक्ताओं के नामों की सूची तैयार कर ली है। माना जा रहा है कि जल्द ही करीब दो दर्जन नामों की सूची पार्टी आलाकमान को भेजी जाएगी। बड़ी बात यह है कि भाजपा की रणनीति से मुकाबला करने के लिए इस बार सूची जारी होने के बाद सीधे ही इन प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट या अन्य प्लेटफार्म पर नहीं भेजा जाएगा। बल्कि उससे पहले इन प्रवक्ताओं को पीसीसी बाकायदा 1 महीने तक प्रशिक्षण देगी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस इन प्रवक्ताओं के जरिए 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों का भी आगाज करने जा रही है।

कांग्रेस मीडिया पैनलिस्टों को देगी विपक्ष की कमजोरियां पकड़कर उन्हें घेरने की ट्रेनिंग

राजस्थान में कांग्रेस ने टीवी चैनलों पर होने वाली डिबेट और विभिन्न प्लेटफॉर्म पर पार्टी का पक्ष रखने वाले वक्ता-प्रवक्ताओं की तलाश पूरी कर ली है। इन सभी का नाम मीडिया पेनालिस्ट के तौर पर शामिल किया गया है। हालांकि इस बार कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ अपनी इस टीम को मैदान में उतारेगी। लिहाज़ा पार्टी के थिंक टैंक ने भी इसपर काम करना शुरू कर दिया है। इन मीडिया पैनेलिस्टों को डिबेट के लिए मानसिक तौर पर भी मजबूत किया जाएगा, ताकि वे डिबेट के दौरान विपक्ष के तमाम आरोपों का जवाब दे सकें। साथ ही टीवी डिबेट और अन्य प्लेटफॉर्म पर विपक्ष के सवालों का तर्कों और पूरी तैयारी के साथ जवाब देने और विपक्षी पार्टियों की कमजोरी को पकड़ते हुए उन्हें घेरने की की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

कई विशेषज्ञ और एआईसीसी प्रवक्ता भी साझा करेंगे अपने अनुभव

बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक डिबेट रूम भी जल्द तैयार किया जाएगा, जिसमें ट्रेनिंग (Training) के दौरान करीब एक माह लगातार वक्ता- प्रवक्ताओं को आमने-सामने बैठाकर डिबेट कराई जाएगी। साथ ही ज्वलंत मुद्दे किस प्रकार उठाने हैं और पार्टी-सरकार का पक्ष तर्कों के साथ किस प्रकार मजबूती से रखना है, इसकी भी ट्रेनिंग दी जाएगी। जानकारों की मानें तो ट्रेनिंग के दौरान समय-समय पर कई विशेषज्ञ भी पीसीसी आकर वक्ता-प्रवक्ताओं को ट्रेनिंग देंगे। वहीं एआईसीसी के कुशल प्रवक्ता भी जयपुर आकर ट्रेनिंग कैंप में अपने अनुभव साझा करेंगे।

डिबेट की करनी होगी पूरी तैयारी, पीसीसी उपलब्ध करवाएगा डाटा

वहीं टीवी डिबेट और अन्य प्लेटफॉर्म पर जिस भी वक्ता या प्रवक्ता को भेजा जाएगा उसे पहले जिस मुद्दे पर डिबेट होनी है उसकी पूरी तैयारी करनी होगी। आमने-सामने बैठकर एक दूसरे से उस मुद्दे पर बहस करेंगे और उसके बाद ही वे टीवी डिबेट अन्य प्लेटफॉर्म पर डिबेट के लिए जाएगा। डिबेट पर जाने वाले वक्ता-प्रवक्ताओं को डिबेट से जुड़े आंकड़े पीसीसी उपलब्ध कराएगी।

ताकि विपक्ष के जाल में नहीं उलझें कांग्रेसी

राजस्थान कांग्रेस की नई बनने जा रही वक्ता-प्रवक्ताओं की टीम के लिए ट्रेनिंग की जरूरत इसलिए पड़ रही है, क्योंकि कई बार कांग्रेस के वक्ता-प्रवक्ता मूल मुद्दों से भटककर विपक्ष के प्रवक्ताओं के सवालों में उलझ जाते हैं और जिस मुद्दे पर पार्टी और सरकार का पक्ष रखना होता है, उस पर बात नहीं हो पाती है। इसे देखते हुए ही कांग्रेस के थिंक टैंक ने वक्ता-प्रवक्ताओं को ट्रेनिंग देने की कवायद शुरू की है। वक्ता प्रवक्ताओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस में चल रही कवायद को 2023 में होने विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। ताकि कांग्रेस की प्रवक्ताओं की टीम मिशन 2023 की तैयारी में अभी से जुड़ सकें।

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