The Angle
जयपुर।
12 दिन से जयपुर की सीमा पर धरने पर बैठे राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। आज किरोड़ी मीणा अपने समर्थकों के साथ जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे से जयपुर के शहीद स्मारक के लिए रवाना हो गए। यहां पुलिस कमिश्नर ऑफिस में किरोड़ी सरकार में मंत्री राजेंद्र यादव से वार्ता करेंगे। अगर सरकार किरोड़ी की मांगें मान लेती है तो किरोड़ी अपना धरना खत्म कर देंगे, वहीं मांगें नहीं माने जाने पर किरोड़ी शहीद स्मारक पर धरना देंगे। इस दौरान मीणा ने कहा कि जब तक सरकार युवाओं की 4 मांगों को पूरा नहीं कर देती, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
किरोड़ी लाल मीणा बोले- सतीश पूनिया ने नहीं निभाया अपना वादा
वहीं मीडिया से बातचीत के दौरान सांसद मीणा ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के प्रति भी अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की। किरोड़ी ने कहा कि जब पूनिया मुझसे मिलने आए थे, तब उन्होंने कहा था कि कल से युवा मोर्चा प्रदेशभर में इस मामले पर विरोध प्रदर्शन करेगा। लेकिन एक भी जगह विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। किरोड़ी ने आगे कहा कि इस मुद्दे पर सतीश पूनिया की अगुवाई में भाजपा को जिस मजबूती के साथ खड़ा होना था, उस मजबूती से सतीश पूनिया और बीजेपी खड़ी नहीं हुई। सतीश पूनिया के पास राजस्थान बीजेपी की जिम्मेदारी है। वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। लेकिन वे इस मामले पर बिल्कुल भी आक्रामक नजर नहीं आए। इस मामले पर मैंने आला नेताओं से भी बात की है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर वो कौनसी 4 मांगें हैं जिन्हें लेकर किरोड़ी मीणा के नेतृत्व में बेरोजगार युवा प्रदर्शन कर रहे हैं।
बेरोजगार युवाओं की सरकार से ये हैं मांगें
- रीट, कांस्टेबल, आरएएस समेत 16 भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक हुए हैं। इनसे 50 लाख से ज्यादा युवाओं का भविष्य असमंजस की स्थिति में आ गया है। ऐसे में इन सभी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच करवाई जाए।
- राजस्थान में सरकारी नौकरियों में बाहरी राज्यों के युवाओं को तरजीह मिल रही है। इसकी वजह से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में प्रदेश में सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को ही 95% तक आरक्षण दिया जाए।
- 28000 सीएचए कर्मियों को फिर से नौकरी पर बहाल किया जाए। इसके साथ ही सभी सरकारी विभागों में रिक्त चल रहे लाखों पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।
- राजस्थान में भर्ती परीक्षा के दौरान दूसरे राज्यों की फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे रोकने के लिए प्रभावी रणनीति के तहत कार्रवाई की जाए।