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जयपुर।
जयपुर के निकट बस्सी में और प्रदेशभर में शीतलाष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। माता शीतला आरोग्य और शीतलता प्रदान करने वाली देवी हैं, जिनकी आज के दिन उपासना की जाती है। शीतलाष्टमी को बास्योड़ा भी कहते हैं क्योंकि इस दिन घरों में ताजा खाना बनाने की बजाय एक दिन पहले बनाए गए बासी भोजन का ही भोग लगाया जाता है और इसी को खाया भी जाता है। बता दें इस पर्व को होली के 8 दिन बाद मनाया जाता है। आज हर घर-घर, गली-मौहल्लों में शीतला माता की पूजा की गई।
शीतला माता को लगाया गया ठंडे खाने का भोग
रांधा पुआ के बाद आज ठंडे पकवानों का भोग लगाया गया। भीगे हुए मूंग, मोठ, चने, पुआ-पकौड़ी, दही, राबड़ी और कई ठंडी चीजों का शीतला माता को कई जगह भोग लगाया गया। बस्सी की बात करें तो यहां महिलाएं सज-धजकर शील की डूंगरी मंदिर में ठंडे पकवानों का भोग लगाकर पूजा अर्चना करती दिखाई दीं।
नायला में आज विशाल मेला हो रहा आयोजित, कल भरेगा गुदड़ी का मेला
नवविवाहिताएं विशेष तौर पर आज के दिन कंडवारा लेकर मंदिर पहुंचीं और शीतला माता की उपासना की। बस्सी के नायला में आज विशाल मेला आयोजित किया जा रहा है। आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आज दिन में दंगल, घुड़दौड़ और कबड्डी का आयोजन हो रहा है, वहीं कल 16 मार्च को नायला बाजार में हर साल की तरह गुदड़ी का मेला लगेगा। मेले के सफल आयोजन के लिए ग्राम पंचायत और पुलिस प्रशासन के सहयोग से उचित व्यवस्था की गई है।
शीतलाष्टमी से राजस्थान में लोग ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन कर देते हैं शुरू
राजस्थान में मान्यता है कि शीतलाष्टमी के दिन से गर्मी बढ़ने लगती है। ऐसे में आज से लोग अपने दैनिक जीवन में ठंडे पदार्थों का सेवन जैसे राबड़ी, छाछ, गेहूं का दलिया को अपनी डेली डाइट में शामिल करना शुरू कर देते हैं, ताकि गर्मी कम महसूस हो और तेज गर्मी में भी शरीर का तापमान ठंडा बना रहे।