दा एंगल।
मुंबई।
महाराष्ट्र में सरकार गठन की तस्वीर अभी पूरी तरह साफ नहीं हुई, लेकिन बयानबाजी दिनोंदिन तेज होती जा रही है। 30 साल की पुराने दोस्त शिवसेना और भाजपा की जोड़ी टूट चुकी है। शिवसेना अब एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाएगी। इसको लेकर जल्द ही घोषणा हो सकती है।
शिवसेना अध्यक्ष ने विधायकों से की मुलाकात
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के विधायकों से मुलाकात की और राज्य में राजनीतिक हालात के बारे में उनसे चर्चा की। शिवसेना के विधायक भास्कर जाधव ने बताया कि पार्टी के विधायकों को सरकार गठन की प्रक्रिया के संबंध में और कांग्रेस-एनसीपी नेताओं की दिल्ली में हुई बैठक के बारे में जानकारी देने के लिए यह बैठक बुलाई थी। जाधव ने कहा कि ठाकरे जो भी फैसला लेंगे वह पार्टी के सभी विधायकों के लिए मान्य होगा।
अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा
कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने सरकार गठन पर राज्यस्तरीय बैठकों में इस पद की मांग नहीं की है। सूत्रों ने बताया है कि मुख्यमंत्री पद पांच साल के लिए पार्टी को दिया जा सकता है।
शिवसेना भाजपा के साथ नहीं आएगी
इसी बीच पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र में पांच साल तक शिवसेना का सीएम होगा। अगले दो दिनों में तय होगा कि कौन सीएम बनेगा। हालांकि शिवसैनिकों और महाराष्ट्र के जनता की प्रबल इच्छा है कि उद्धव ठाकरे सीएम बनें। संजय राउत ने कहा कि पार्टी को भगवान इंद्र के सिंहासन का प्रस्ताव मिले तब भी वह भाजपा के साथ नहीं आएगी। राउत ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ वाला त्रिदलीय गठबंधन जब सत्ता में आएगा तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद उनकी पार्टी को ही मिलेगा। अटकलें थी कि भाजपा मुख्यमंत्री पद शिवसेना के साथ साझा करने को तैयार है।
कांग्रेस का होगा नुकसान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम अपनी ही पार्टी पर भड़के हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हमारे नेताओं का तर्क है कि भाजपा को रोकने के लिए हम शिवसेना से हाथ मिलाने का जोखिम उठा रहे हैं। मगर ‘तीन तिगाड़े काम बिगाड़े’ वाली सरकार चलेगी कब तक? फिर या तो भाजपा किसी के साथ सरकार बनाएगी या चुनाव होंगे। दोनों हाल में भाजपा को फायदा होगा और नुकसान होगा कांग्रेस का।