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राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के ट्वीट पर संयम लोढ़ा का सवाल, राजस्थान में कोरोना के केस ज्यादा फिर भी रेमडेसिविर क्यों दिए कम?

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The Angle
जयपुर।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण, उसकी दवाईयां और ऑक्सीजन की कमी को लेकर सियासत कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। इस मामले में कोई नेता तो एकजुटता से जनता की सेवा करने की अपील करते है तो कई नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे है। ऐसा ही कुछ भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और सिरोही विधायक संयम लोढ़ा के बीच भी हुआ।

केंद्र ने की राजस्थान की मदद- राज्यवर्धन सिंह राठौड़

भाजपा के नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर लिखा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान को अब तक कई तरह की मदद मिल चुकी है। जिनमें 1.275 करोड़ वैक्सीन, 26 हजार 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन, 160 एमटी ऑक्सीजन, 1900 वेंटिलेटर शामिल है। उन्होने आगे लिखा की अब राज्य सरकार से आह्वान है की वो अपने दायित्वों का निर्वहन करें और केंद्र सरकार से मिली इस मदद का लाभ जनता को दे।

राठौड के ट्वीट पर संयम लोढ़ा का पलटवार

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के इस ट्वीट पर सिरोही से विधायक संयम लोढ़ा ने पलटवार किया है। उन्होने पूछा की आप इस बात का जवाब दो की राजस्थन के प्रति एक्टिव कोरोना पाॅजिटिव मरीज 0.64 घन मीटर ही ऑक्सीजन क्यों आवंटित की गई जबकि गुजरात को 8.48 घन मीटर प्रति एक्टिव कोरोना मरीज आवंटित की गई है।

वहीं राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने एक और ट्वीट कर लिखा की प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान के सभी सांसद पूरे मनोयोग से प्रदेश की जनता को आवश्यक दवाएं और चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।

राजस्थान के साथ हो रहा है भेदभाव- संयम लोढ़ा

इस पर संयम लोढ़ा ने राजस्थान के सभी सांसदों से जवाब मांगा की गुजरात में कोरोना एक्टिव रोगी 92 हजार 84 है और राजस्थान में 1 लाख 7 हजार 157 लेकिन रेमडेसिविर इंजेक्शन गुजरात को 21 अप्रैल को 1 लाख 63 हजार 500 आवंटित किए जबकि राजस्थान को 26 हजार 500 ही आवंटित हुए, ऐसा क्यों?

गौरतलब है की पिछले कुछ दिनों से राजस्थान के मुख्यमंत्री खुद केंद्र सरकार पर राजस्थान के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा रहे है। उनका कहना है की राजस्थान में अन्य कुछ प्रदेशों की तुलना में कोरोना के एक्टिव मामले ज्यादा है फिर भी यहां उचित संसाधन मुहैया नहीं कराए जा रहे है जबकि जिन राज्यों में राजस्थान से कम कोरोना के मामले है, वहां केंद्र सरकार ज्यादा ध्यान दे रही है।

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