The Angle
जयपुर।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की तमाम कोशिशों के बाद भी कांग्रेस उसे पटखनी देते हुए 224 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में 135 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। हालांकि कांग्रेस के नेताओं ने भी कर्नाटक का चुनाव जीतने के लिए कुछ कम मेहनत नहीं की। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गृह राज्य होने के चलते यहां जीत हासिल करना जहां उनकी साख के लिए बेहद जरूरी था, वहीं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, रणदीप सुरजेवाला, पवन खेड़ा सहित पार्टी के स्थानीय नेताओं ने भी जमकर जोश लगाया और कांग्रेस को विक्ट्री लाइन पर पहुंचाया।
चुनाव के नतीजा आए 4 दिन बीत चुके, सीएम फेस तय करने में अब तक फेल कांग्रेस
लेकिन जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने जितना जोर कर्नाटक में चुनाव जीतने में लगाया, उससे कहीं ज्यादा मशक्कत अब सीएम फेस तय करने को लेकर करनी पड़ रही है। वहीं यह भी चर्चा है कि कर्नाटक के चुनाव में क्योंकि राजस्थान के गहलोत मॉडल की काफी अहम भूमिका रही, ऐसे में प्रदेश की सियासत पर राजस्थान की सियासत की छाया पड़ती नजर आ रही है। दरअसल 13 मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से आज तक 4 दिन हो चुके हैं, लेकिन कांग्रेस में सीएम फेस पर फैसला नहीं हो पा रहा है। पार्टी हाईकमान की तरफ से प्रभारी कर्नाटक भेजे गए और उन्होंने यहां कांग्रेस के सभी विधायकों की राय जानी। इसके बाद सीएम फेस के दावेदार माने जा रहे पूर्व सीएम सिद्धारमैया और पीसीसी चीफ डीके शिवकुमार दिल्ली पहुंच गए।
कर्नाटक में राजस्थान फॉर्मूला लागू करने की भी हो रही चर्चा
बताया जाता है कि सिद्धारमैया दिल्ली में अपने साथ अपने समर्थक विधायकों को लेकर पहुंचे और कांग्रेस हाईकमान को ये बताने की कोशिश की कि विधायकों का संख्याबल उनके साथ है। अब डीके शिवकुमार दिल्ली में खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात कर अपना पक्ष रख रहे हैं। इस बीच सियासी गलियारों में तरह-तरह के फॉर्मूला की अटकलें लग रही हैं। कहीं चर्चा है कि कर्नाटक में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर काम हो सकता है और सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद संभाल सकते हैं। वहीं दूसरी चर्चा राजस्थान फॉर्मूले की है, जिसमें सिद्धारमैया को सीएम और डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा है।
कुछ दिन और चल सकता है कर्नाटक में सीएम तय करने का नाटक
खास बात ये है कि जिस तरह राजस्थान में सचिन पायलट डिप्टी सीएम बनकर भी खुश नहीं थे, कुछ इसी तरह के कयास कर्नाटक को लेकर भी हैं। चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में स्पष्ट बहुमत दिलाने वाले डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम वाले फॉर्मूला से संतुष्ट नहीं हैं। कुल मिलाकर सीएम बनाना कांग्रेस के लिए ज्यादा मुश्किल भरा साबित होता जा रहा है। ये हालात भी तब हैं जब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कर्नाटक में सरकार गठन के बाद कांग्रेस आलाकमान का फोकस राजस्थान की कलह का समाधान करने पर होगा। लेकिन मौजूदा हालात देखते हुए तो यही लग रहा है कि अभी तो कर्नाटक का नाटक कुछ और दिन तक चल सकता है। ऐसे में सचिन पायलट और गहलोत समर्थकों का इंतजार लंबा होता जा रहा है।