The Angle
नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को झटका देते हुए उसके द केरला स्टोरी फिल्म पर पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन पर रोक लगाने संबंधित नोटिफिकेशन पर रोक लगाने का आदेश देते हुए फिल्म के प्रदर्शन को अनुमति दे दी है। पश्चिम बंगाल ने राज्य में फिल्म में दिखाए गए कंटेंट की वजह से कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते फिल्म के प्रदर्शन को प्रतिबंधित किया गया था।
द केरल स्टोरी पर लगी रोक हटाई, प्रमाण पत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं से पहले कोर्ट देखेगा फिल्म
कोर्ट ने फिल्म के प्रदर्शन पर लगी रोक को हटाने का आदेश देते हुए कहा कि फिल्म को मिले प्रमाण-पत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय के लिए कार्रवाई से पहले वह ‘द केरल स्टोरी’ देखना चाहेगा। पीठ फिल्म को सीबीएफसी प्रमाण-पत्र दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से प्रमाण-पत्र प्राप्त है और कानून-व्यवस्था बरकरार रखना प्रदेश सरकार का दायित्व है।
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म निर्माता को 20 मई तक फिल्म में डिस्क्लेमर लगाने को कहा
पीठ ने कहा कि खराब फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलती हैं। न्यायालय ने कहा कि कानून का इस्तेमाल सार्वजनिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है, वरना सभी फिल्मों को लेकर ऐसी ही स्थिति पैदा होगी। पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला भी शामिल हैं। कोर्ट ने ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माता से 20 मई को शाम 5 बजे दिखाए जाने वाले शो तक फिल्म में 32 हजार महिलाओं के इस्लाम में धर्मांतरण के आरोपों पर ‘डिस्क्लेमर’ लगाने को कहा।