The Angle
नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस पीड़ितों से जुड़े एक मामले में दायर केंद्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। केंद्र सरकार ने इस याचिका में यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन और उसकी सहायक फर्मों से अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग की थी। केंद्र ने 2010 में क्यूरेटिव पिटीशन के जरिए डाउ कैमिकल्स से 7 हजार 800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की अपील की थी।
भोपाल गैस त्रासदी में 3 हजार 700 लोगों की गई थी जान सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 1984 में 2-3 दिसंबर की रात को हुए इस हादसे में 3 हजार 700 लोग मारे गए थे। केंद्र सरकार ने इस राशि की मांग यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन को खरीदने वाली फर्म डाउ कैमिकल्स से की थी। गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन ने पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर यानि 715 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया था। केंद्र सरकार की क्यूरेटिव पिटीशन पर 12 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सरकार ने पक्ष रखते हुए कहा था कि गैस कांड के पीड़ितों को अधर में नहीं छोड़ सकते।
सुप्रीम कोर्ट बोला- केस दोबारा खोलने पर बढ़ेंगी पीड़ितों की मुश्किलें
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि केस दोबारा खोलने पर पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन पर और ज्यादा मुआवजे का बोझ नहीं डाला जा सकता। पीड़ितों को नुकसान की तुलना में करीब 6 गुना ज्यादा मुआवजा दिया जा चुका है। केंद्र सरकार आरबीआई के पास रखे 50 करोड़ रुपए का इस्तेमाल पीड़ितों की जरूरत के मुताबिक करे।