
The Angle
गांधीनगर/जयपुर।
कर्नाटक की एक चुनावी जनसभा में राहुल गांधी के मोदी सरनेम को लेकर दिए विवादित बयान मामले में गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 504 के तहत दोषी ठहराते हुए उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है। हालांकि राहुल की तरफ से अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। ऐसे में राहुल को कोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ हायर कोर्ट में अपील दायर करने के लिए उन्हें 1 महीने का समय दिया है। जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने राहुल को 15 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी।
राहुल का कमेंट पॉलिटिकल, ये तो चलता रहता है- गहलोत
वहीं इसे लेकर कांग्रेसजनों में खासा आक्रोश है। इस मामले को लेकर सीएम गहलोत ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी के ये जो कमेंट हैं ये तो पॉलिटिकल कमेंट हैं, ये तो चलते ही रहते हैं। हम तो 40-50 साल से देखते हैं, ऐसे पॉलिटिकल कमेंट पता नहीं वाजपेयी जी ने, आडवाणी जी ने कितने किए होंगे, कोई सोच नहीं सकता है, वो जमाना और था, ये जमाना और है, इतना ही फर्क है। उस जमाने में कभी इस प्रकार के कोर्ट केस नहीं होते थे और पॉलिटिकली जो लैंग्वेज होती है, पॉलिटिकल आरोप होते हैं, जिससे कि जनता को एक मैसेज देना पड़ता है कि मोदी नाम के लोग जो हैं वो ही क्यों ये मतलब ऐसी हरकतें करते हैं ?
सीएम गहलोत ने किया राहुल का बचाव, बताया बयान का मतलब
उन्होंने आगे राहुल के बयान पर उनका बचाव करते हुए कहा कि इसका मतलब ये भी होता है कि मोदी के सरनेम के जो लोग हैं उनको लगता है कि भई प्रधानमंत्री हमारा ही आदमी है, हमें बचा लेगा, हमारा कौन क्या बिगाड़ लेगा ? ये भी तो मतलब होता है उसका ? इसमें मोदी जी के बारे में क्या उसका संबंध हो सकता है ? मुझे पता नहीं कि राहुल गांधी जी ने जब कहा तो ये पॉलिटिकल आरोप था या एक प्रकार से पॉलिटिकल कमेंट था, उसको लेकर इस प्रकार से कोर्ट में भेजा गया, पर ये जो ज्यूडिशियरी, अभी तो फैसला हुआ है, मुझे पूरा विश्वास है, ज्यूडिशियरी पर हमें पूरा विश्वास है कि फैसला आने वाले वक्त में सही फैसला होगा और इसमें कोई जो इन्होंने कोशिश की है जिस प्रकार से मैसेज देने की, उसमें ये कामयाब नहीं होंगे।
महंगाई, बेरोजगारी की बजाय बदला लेने पर पीएम मोदी का ध्यान- गहलोत
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी एक बहुत ही साहसी, हिम्मत वाला शख्स है और पीएम मोदी जैसे व्यक्ति से मुकाबला वो ही कर सकते हैं, एनडीए गवर्नमेंट से मुकाबला करने में राहुल गांधी सक्षम हैं। आप देखते हो कि अकेले मुकाबला करते आ रहे हैं वो, लंबी यात्रा निकाली उन्होंने, पूरे देश को उद्वेलित कर दिया कि महंगाई, बेरोजगारी, हिंसा और अमीर-गरीब की खाई बढ़ती जा रही है, चारों मुद्दे बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, उस पर तो ध्यान जाता नहीं है मोदी जी का, अमित शाह जी का और एनडीए गवर्नमेंट का और ध्यान जाता है इनका बदला लेने का, दिल्ली पुलिस को उनके घर भेज दिया।
मुझे तो हंसी आती है, 50 साल मुझे राजनीति करते हुए हो गए हैं, अगर कोई नेता जाकर किसी राज्य में दौरे करे और उस राज्य के हालात के बारे में जो उसको फीडबैक मिला है उसको वो जनता से शेयर करे मीडिया के माध्यम से, उसको लेकर आपने केस भी दर्ज कर दिया और पूछताछ शुरू कर दी और उनके घर चले गए, नोटिस दे रहे हैं, क्वेश्चन पूछ रहे हैं, ये केस मेरे ख्याल से 75 साल में पहला केस होगा जो दिल्ली पुलिस ने जिस प्रकार से रजिस्टर्ड करके राहुल गांधी के घर पर पहुंच गए, इसकी तो पूरा देश घोर निंदा कर रहा है।
संबित पात्रा को उनके बयानों की भाषा के लिए जमकर सुनाई खरी-खोटी
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को भी गहलोत ने उनके राहुल गांधी को लेकर दिए बयान पर घेरा। उन्होंने कहा कि संबित पात्रा जैसे लोग जो हैं कल राजनीति में बैठने लगे हैं स्पोक्स पर्सन के रूप में, क्या लैंग्वेज काम में लेते हैं ? किस निम्न स्तर पर जाते हैं ? बिलो द बेल्ट हिट करते हैं, इतने घटिया स्तर के कमेंट करते हैं, वो इनका चेहरा है बीजेपी का। वो राहुल गांधी को कहते हैं कि मीर जाफर है, अरे इतिहास गवाह है, मीर जाफर ने जो कारनामे किए थे, इतिहास में दर्ज है, वो कारनामे तो आरएसएस के लोगों ने, वीर सावरकर ने किए थे। जब मुल्क आजादी की जंग लड़ रहा था, पंडित नेहरू और बड़े-बड़े नेता जेलों में बंद थे और वीर सावरकर भी जेलों में बंद रहे, उसके बाद में अनेकों बार माफी मांगी लिखित के अंदर, अनेक बार।
मीर जाफर राहुल नहीं बल्कि भाजपा के नेता थे- सीएम गहलोत
सीएम गहलोत ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ जब युद्ध चल रहा था, सुभाष चंद्र बोस, पंडित जवाहर लाल नेहरू थे, उस जमाने में भी इन्होंने क्या भूमिका अदा की ? इन्होंने अंग्रेजों का साथ दिया उस वक्त में, अंग्रेजों के पक्ष में सेना में भर्ती करवाया लोगों को, तो आरएसएस का इतिहास भी है देश के अंदर। 1942 के अंदर जब भारत छोड़ो आंदोलन की बात हुई, तब इनकी भूमिका क्या थी आरएसएस की ? इनका एक भी व्यक्ति आजादी की जंग के अंदर जो पहले ये जनसंघ बाद में बनी पार्टी, पर जनसंघ में कौन आए ? आरएसएस के लोग ही आए। तो आरएसएस के लोगों ने किसी ने भी फ्रीडम मूवमेंट में भाग लिया था क्या ?
मीर जाफर की बात करते हैं राहुल गांधी से जोड़कर, इनको शर्म आनी चाहिए, मीर जाफर की भूमिका तो इन्हीं लोगों ने निभाई है देश के साथ में। सिराजुद्दौला को जो उसने धोखा दिया मीर जाफर ने, वो धोखा तो इन्होंने दिया है देश को।
40 साल तक आरएसएस मुख्यालय पर राष्ट्र का झंडा नहीं लगाने वाले राष्ट्रभक्ति की बात करते हैं- गहलोत
सीएम गहलोत ने कहा कि तुम देश के नागरिक थे, राष्ट्रभक्त बनने की बात करते हो, उसके बाद में आपने क्यों साथ दिया अंग्रेजों का ? ये तो इतिहास गवाह है, आरएसएस ने साथ दिया अंग्रेजों का, ये खंडन क्यों नहीं करते हैं ? 40 साल से हैडक्वार्टर इनका है आरएसएस का नागपुर के अंदर, तिरंगा झंडा तक नहीं लगाया इन लोगों ने, अब लगाने लगे हैं, ये क्या मुकाबला करेंगे राहुल गांधी का ? राहुल गांधी को मीर जाफर, अरे आप ये नई पीढ़ी को क्यों ग़ुमराह कर रहे हो ? ये आप जो है, आपकी जो हरकतें हैं देश कभी माफ नहीं करेगा और मैं समझता हूं कि हालात बड़े गंभीर हैं, उसमें प्रदेशवासियों को, देशवासियों को सोचना पड़ेगा, हिंदू-मुसलमान की राजनीति बहुत हो चुकी है, कब तक करोगे आप लोग ? कब तक करोगे ?