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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले अयोध्या की बदलने लगी फिजां

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दा एंगल।
अयोध्या।
वर्षाे से चले आ रहे विवादित राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का फैसला कभी भी आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सिलसिलेवार सुना। अब दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट अपना फैसला देगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूरे देश की नजर लगी हुई है।

अयोध्या में आशंकाएं और तनाव

अयोध्या में हवा बदल रही है। आशंकाएं और तनाव महसूस किया जा सकता है। अब चूंकि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला किसी भी दिन आ सकता है, ऐसे में यहां के लोग अपनी ओर से तैयारियां पूरी करना चाहते हैं। कुछ लोगों ने खाने-पीने और घर की जरूरत का अन्य सामान जमा करना शुरू कर दिया है तो कुछ महिलाओं और बच्चों को अपनी ओर से सुरक्षित स्थानों पर भेजने में लगे हैं। दूसरी ओर, प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और वह पूरे अयोध्या में सुरक्षा और शांति बनाए रखने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता।

आशंका के चलते शादियां कैंसल

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आने से पहले लोगों में तरह-तरह की आषंकाएं जन्म ले रही है। इसके चलते कुछ लोग तो शादियां कैंसल कर रहे हैं और कुछ विवाह स्थल जिले के बाहर शिफ्ट करने में जुटे हैं। लोगों में तरह तरह की आषंकाओं को लेकर बातें उठ रही है। वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि राम मंदिर का फैसला राम मंदिर के पक्ष में नहीं आया तो संकट हो सकता है।

वहीं यहीं से कुछ दूर हनुमान गढ़ी मंदिर के बाहर लड्डू बेचने वाले ने एक शख्स ने कहा कि हमने जरूरी इंतजाम कर लिए हैं और घर के लिए चावल, दालें आदि जमा कर ली हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन सबके बावजूद अयोध्या के लोगों को एक-दूसरे से कभी परेशानी नहीं हुई। परेशानी तब होती है जब भीड़ बाहर से आती है। हमारे लिए वह चिंता का विषय होता है। जिला प्रशासन ने इस बीच विभिन्न समुदाय के नेताओं के साथ शांति बैठकें की हैं।

अयोध्या में जिला प्रशासन अलर्ट

अयोध्या के जिलाधिकारी ने बताया कि अक्टूबर और नवंबर में हिंदू महंतों और मुस्लिम इमाम के साथ कई बैठकें की गई हैं। इनमें लोगों की चिंताओं पर तवज्जो दी गई है, साथ ही सुरक्षा का आश्वासन भी दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि हमने मुसलमानों को आश्वस्त किया है कि सभी संवेदनशील इलाकों, जिनमें मुस्लिम बहुसंख्या वाले और मिलीजुली आबादी वाले इलाके भी शामिल हैं, का सर्वे पहले ही किया जा चुका है और हम फैसले से पहले उन इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती कर देंगे। लोगों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।

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