The Angle
जयपुर।
प्रदेश में बीते 2 दिनों में हुई जोरदार बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के चेहरे पर मायूसी ला दी है। इससे पहले तक प्रदेश के किसान इस बात से खुश हो रहे थे कि इस बार अच्छी बारिश हुई है, तो फसल भी अच्छी होगी। लेकिन इस बारिश ने ही किसानों की तमाम उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। ऐसे में यह मुद्दा राजस्थान विधानसभा में भी जोर-शोर से उठाया गया, वहीं राजस्थान सरकार भी इस मुद्दे पर सदन में गंभीर दिखाई दी।
लालचंद कटारिया ने कई क्षेत्रों में खुद जाकर लिया फसल खराबे का जायजा
सदन में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने इस पर जवाब दिया। कृषि मंत्री ने सदन को बताया कि उदयपुर जिले में हुई ओलावृष्टि की तस्वीरें वाकई में भयावह हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में कई जगह बारिश हल्की हुई, लेकिन हवा के चलते भी फसल गिरकर खराब हो गई है। वहीं ओलावृष्टि के चलते हुई पशुओं की मौत और मकानों के नुकसान को लेकर कटारिया ने कहा कि इसकी स्थिति भी 2 से 3 दिन में सामने आ जाएगी। कटारिया ने बताया कि कई क्षेत्रों का उन्होंने खुद दौरा कर फसल नुकसान का जायजा लिया है, वहीं प्रदेशभर में संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर मौके पर जाकर हालात का जायजा लेने को कहा है, ताकि प्रदेश के किसानों को फसल खराबे का उचित मुआवजा मिल सके।
कृषि मंत्री ने सदन में बताए फसल खराबे के आंकड़े, विशेष गिरदावरी के आदेश
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने विधानसभा में गेहूं, सरसों और चना की फसल खराबे के आंकड़े बताए। इसके साथ ही सब्जियों की फसल खराब होने की भी जानकारी दी। कृषि मंत्री ने बताया कि श्रीगंगानगर, चूरू, हनुमानगढ़, सीकर, अजमेर और जयपुर सहित कई अन्य जिलों में 2 दिन की बरसात से फसल खराब हुई है। इसके लिए सरकार ने अधिकारियों को विशेष गिरदावरी करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को कहा गया है कि 2 सप्ताह में सर्वे करवाकर रिपोर्ट दी जाए। साथ ही बीमा करवाने वाले किसानों को भी सरकार मदद देने की कोशिश करेगी।