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अगर तुर्की ने उठाया ये कदम तो अमेरिका पर आ सकती है बड़ी मुसीबत

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तुर्की
US President Donald Trump reaches to shake Turkey's President Recep Tayyip Erdogan's hand before a meeting at the Palace Hotel during the 72nd United Nations General Assembly on September 21, 2017 in New York City. / AFP PHOTO / Brendan Smialowski (Photo credit should read BRENDAN SMIALOWSKI/AFP/Getty Images)

द एंगल।

अंकारा।

अमेरिका की ओर से लगाए गए कड़े प्रतिबंधों पर तुर्की ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। इसी के साथ तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने तुर्की पर और प्रतिबंध लगाए तो वह अपने देश में मौजूद अमेरिका के इनसर्लिक एयरबेस को बंद कर देगा। अर्दोआन ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि वह इनसर्लिक के अलावा मलाक्या प्रांत के अदाना में मौजूद कुरेसिच रडार स्टेशन को भी बंद करेगा। बता दें कि कुरेसिच बेस में अमेरिकी सेना का अहम रडार लगा हुआ है। यह रडार अमेरिका और नाटो संगठन के देशों को मिसाइल लॉन्च की जानकारी देते हैं।

अमेरिका इसलिए है तुर्की से नाराज –

गौरतलब है कि अमेरिकी सीनेट ने बुधवार को ही तुर्की पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाने का प्रस्ताव पारित किया था। तुर्की ने पिछले साल रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टत खरीदने का समझौता किया था। इस बात से नाराज अमेरिका ने इस समझौते को रद्द करने के लिए कहा था। हालांकि तुर्की ने साफ कर दिया था कि वह रूस के साथ हुए समझौते को रद्द नहीं करेगा। इस बात से ट्रंप प्रशासन नाराज था। ट्रंप प्रशासन ने एफ-35 फाइटर जेट क डील रद्द कर चुका है।

अमेरिका को लग सकता है ये झटका –

अमेरिका ने पिछले महीने कहा था कि अगर तुर्की ने एस-400 प्रणाली सक्रिय नहीं की तो उसे 2017 के कानून के तहत प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया जाएगा। रूस से सौदा और जुलाई में इस प्रणाली की आपूर्ति नाटो सहयोगियों तुर्की और अमेरिका के बीच तनाव का एक प्रमुख कारण है। सीएएटीएसए नाम का अमेरिकी कानून रूस से हथियारों की खरीद पर पाबंदी लगाने का अधिकार देता है। इस खरीद के परिणामस्वरूप तुर्की को एफ-35 युद्धक विमान कार्यक्रम से भी हटा दिया गया था।

एस-400 लंबी दूरी की अत्याधुनिक वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम है जो 2007 से रूस में सेवा में है। एस-400 400 किलोमीटर की दूरी और 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक लक्ष्य पर निशाना साध सकती है। अधिकारी ने कहा, अनुबंध के क्रियान्वयन की शर्तें सबको पता हैं, 2023 तक हर हाल में इस प्रणाली की भारत को आपूर्ति की जानी है।

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