द एंगल
जयपुर.
केंद्रीय विद्युत व नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने आज राजस्थान स्थित उदयपुर में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के विद्युत तथा एनआरई मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, प्रमुख ऊर्जा सचिव भास्कर ए सावंत, ऊर्जा सलाहकार ए.के गुप्ता समेत, राजस्थान के ऊर्जा विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।
पावर के बिना कुछ नहीं चलता- केंद्रीय ऊर्जा मंत्री
उदयपुर में केंद्र सरकार द्वारा आयोजित ऊर्जा मंत्रियों के २ दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के हेतु राजस्थान आना हुआ। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा की हमने डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को, ग्रिड को मजबूत किया है। पहली बार डिस्कॉम से हमें योजनाओं की क्लोजर रिपोर्ट दे रही जो बहुत बडी उपलब्धि है। आरके सिंह ने कहा की लेकिन अभी भी काफी चैलेंज है। ग्रामीण इलाकों में अभी भी कटौती हो रही है। कोयला भी बड़ा चैलेंज है, हमें काफी कोयला इंपोर्टकरना पड रहा है। लेकिन इस सबके बावजूद हमने काफी अच्छा काम किया। आरके सिंह ने आगे कहा की पावर के बिना कुछ नहीं चलता है। इस सिस्टम का मजबूत होने काफी जरूरी है। वरना हमारी हालात को भी श्रीलंका- पाकिस्तान जैसी होने में दोर नहीं लगेगी। इसलिए केंद्र ने अब हर योजना को कंडीशनल कर दिया, ताकि, डिस्कॉम की परफॉर्मेंस सुधार सके।
साथ ही कहा कि जब एनर्जी सेक्टर में प्रोफेशनल सोच आएगी, तो इस सेक्टर के सुधार को कोई नहीं रोक सकता, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझे। कहा की हमारे लिए साइबर अटैक भी काफी बड़ी चुनौती है। देश को पावर सिस्टम पर साइबर अटैक हुए और आगे भी हो सकते ह। ये सबके लिए चिंतनीय है। हम इन सब हालात के लिए तैयार है। सिस्टम को और मजबूत किया जा रहा है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रिवैंप योजना की भी दी जानकारी
आरके सिंह ने रिवैंप योजना को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रति शुरुआत में रुझान कम था, क्योंकि ये कंडीशनल थी, लेकिन राज्य ने धीरे धीरे इसे अपनाना शुरु कर दिया। साथ ही आरके सिंह ने राज्यों को भी कहा है कि वे स्पष्ट करें कि प्रति यूनिट कैटेगरी वार कितनी सब्सिडी देंगे। डिस्कॉम के लिए भी जरूरी है कि वह पूरा अकाउंटिंग बिल दे। तभी सब्सिडी समय पर मिलेगी।