दा एंगल।
नई दिल्ली।
दुनिया में कोरोनावायरस से हाहाकार मचा हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 3320 नए मामले सामने आए हैं और 95 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 59,662 हो गई है, जिनमें 39,834 सक्रिय हैं, 17,847 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 1981 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को रिकवर होने के बाद डिस्चार्ज करने की पॉलिसी में बदलाव हुआ है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई पाॅलिसी की जारी
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नई पॉलिसी शनिवार सुबह जारी कर दी है। नए बदलावों के तहत, हल्के केसेज में डिस्चार्ज से पहले टेस्टिंग की जरूरत को खत्म कर दिया गया है। पेशेंट में कोई लक्षण ना दिखने और हालात सामान्य लगने पर 10 दिन में भी अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। डिस्चार्ज होने के बाद, पेशेंट को अब 14 दिन की बजाय 7 दिन होम आइसोलेशन में रहना होगा। 14वें दिन टेली-कॉन्फ्रेंस के जरिए मरीज का फॉलो-अप किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण बहुत कम या नहीं है उन्हें कोविड सेंटर केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा। जहां उन्हें रेगुलर टेम्प्रेचर चेक और पल्स ऑक्सिमेट्री मॉनिटरिंग से गुजरना होगा। अगर 3 दिन तक बुखार ना आया हो तो मरीज को 10 दिन के बाद डिस्चार्ज किया जा सकता है। उससे पहले टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगा। डिस्चार्ज के वक्त मरीज को 7 दिन तक होम आइसोलेशन में रहने को कहा जाएगा। डिस्चार्ज से पहले, अगर कभी भी ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 पर्सेंट से नीचे जाता है तो मरीज को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर ले जाया जाएगा।
गंभीर मरीजों को रखा जाएगा ऑक्सीजन बेड्स पर
वहीं थोड़े गंभीर लक्षण वाले मरीजों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में ऑक्सीजन बेड्स पर रखा जाएगा। उन्हें बॉडी टेम्प्रेचर और ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक्स से गुजरना होगा। अगर बुखार 3 दिन में उतर जाता है और मरीज का अगले 4 दिन तक सैचुरेशन लेवल 95 प्रतिषत से ज्यादा रहता है तो मरीज को 10 दिन के बाद छोड़ा जा सकता है। मगर बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होनी चाहिए। ऐसे मरीजों को डिस्चार्ज से पहले टेस्टिंग से नहीं गुजरना होगा।