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जनाक्रोश यात्राओं में वसुंधरा की गैरमौजूदगी पर चुप्पी,लेकिन बीजेपी की चल रही है ये बड़ी तैयारी !

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वसुंधरा राजे (फाइल फोटो )

वसुंधरा राजे की जनाक्रोश रैलियों और तमाम बीजेपी के कार्यकर्मों में गैरमौजूदगी पर अब सवाल उठने शुरु हो गये है.जहां एक और बीजेपी जनाक्रोश रैलियों और पार्टी कार्यक्रमों के माध्यम से 2023 की तैयारी में जुट गई है वही अब तक राजे ने पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में सकारात्मक भूमिका नहीं दिखाई है .

वसुंधरा और पार्टी नेताओं के बीच गुटबाजी

राजे का रैलियों शामिल नहीं होना पार्टी की गुटबाजी को दर्शाता है .बीजेपी का बिखराव इस बात से साफ दिख रहा है कि तमाम जनाक्रोश यात्राओं में ही स्थानीय पदाधिकारियों की गुटबाजी देखने को मिल जाती है.जहा एक और वसुंधरा गुट के माने जाने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ता इन रैलियों से दूरी बनाए हुए है .वही दूसरी तरफ पार्टी से हटकर राजे गुट के नेता तमाम ऐसी जगहों पर मैंडम का उपस्थिति दर्ज करवाने और राजे के समर्थन में माहौल बनाए रखनें में अहम भूमिका निभा रहे है.

वसुंधरा की गैरमौजूदगी पर उठते सवाल

राजे की गैरमौजूदगी के सवाल पर संगठन के नेता और साथ ही राजस्थान प्रभारी भी गोल मोल जवाब देकर सवाल को टालने का प्रयास करते है.लेकिन सियासी गलियारों की चर्चाओं रोका पाना तो असंभव है .क्योंकि ज्यू.जू 2023 के चुनावों की तारीखे नजदीक आ रही है वैसे वैसे पार्टी के तमाम नेता अब एक्टिव नजर आ रहे है .लेकिन राजे पार्टी कार्यक्रमो से दूरिया बनाए हुए है .प्रदेश बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह इस सवाल पर हमेशा बचते और जवाब को टालते नजर आते है .हाल ही मे मीडिया के द्वारा किये गए सवाल पर सिंह ने कहा कि उनकी बहु की तबीयत नासाज रहती है इसलिए वह पार्टी कार्यक्रमों में शामिल नही पाती है .

पार्टी से हटकर चल रहे राजे के दौरे

लेकिन वसुंधरा राजे अभी हाल ही मे जोधपुर भी पहुंची थी जहां पर उनके गुट के नेता,यूनुस खान,राजपाल सिंह शेखावत सहित अन्य नेता भी थे जो पार्टी से परे होकर जोधपुर दुखातिंकाओं से मिलने पहुंचे थे.तो क्या फिर अरुण सिंह को इस पर भी कोई प्रतिक्रिया व्यक्ति करनी चाहिए थी राजे का हाल ही में अधिवेशन में शामिल होने का भी कार्यक्रम था.जो उनके ही गुट के विधायक द्वारा आयोजित करवाया जा रहा था.लेकिन महज पार्टी ने इस कारण से कैंसिल करवाया कि कोरोना बढ रहा है तो अधिवेशन रोकना होगा.

राजे पर लगाम कसने की तैयारी में बीजेपी

लेकिन उसके उलट पार्टी के नेता बड़ी बडी जनाक्रोश सभाएं कर रहे है भारी संख्या में लोगों की भीड़ उन जनसभाओं में उमड रही है लेकिन क्या अब ये सवाल नही उठता कि अब कोरोना इन सभाओं पर हावी नहीं होगा.तो इससे साफ जाहिर हो रहा है कि पार्टी भी राजे के अन्य कार्यक्रमों में किसी ना किसी तरीके से रोड़े अटकाने के काम कर रही है.और ये संदेश देना चाहती है कि पार्टी से बढकर कोई खुद को बडा नही समझ सकता .

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