दा एंगल।
जयपुर।
राजस्थान के चूरू जिले की सादुलपुर तहसील मुख्यालय के राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने 23 मई को आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने आत्महत्या से पहले दो सुसाइड नोट लिखे थे। थानाधिकारी ने अपने सुसाइट नोट में लिखा था कि वे चारों से उन पर पड़ रहे दबाव है कि मैं तनाव नहीं झेल पा पाया।
वहीं उन्होंने आत्महत्या की घटना के बाद में एक सोशल एक्टिविस्ट ने एक दिन पहले व्हाट्सएप पर हुई चैट वायरल की, जिसमें लिखा था कि विष्णु दत्त शर्मा दबाव में है और वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं। सोशल एक्टिविस्ट का आरोप है कि विष्णुदत्त शर्मा ने दबाव में आकर आत्महत्या की है, जिसकी जांच की जानी चाहिए। घटना के बाद इस पर खूब सियासत हुई।
विष्णुदत्त के परिजनों ने थी सीबीआई जांच की मांग
विपक्षी पार्टी के नेताओं ने थाने में जाकर खूब हंगामा किया था। इस मामले को लेकर विश्नोई समाज और विष्णु दत्त के परिवार वालों ने सीबीआई जाँच करने की मांग की थी। विश्नोई समाज ने मामले की सीबीआई जाँच न होने पर आंदोलन करने की बात भी कहीं थी। सरकार ने बिश्नोई के परिजनों को न्यायिक जांच व सीबी-सीआईडी से जांच कराने का विकल्प दिया था, लेकिन बिश्नोई महासभा व थानाधिकारी के परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग रखी। बसपा नेता मनोज न्यांगली ने भी कहा था कि जब से थानाधिकारी ने यहां पर ड्यूटी ज्वाइन की थी तब से वे काफी तनाव में थे।
सीएम ने दी थी मंजूरी
विष्णु दत्त सुसाइड मामले की जांच सीबीआई से कराने के प्रस्ताव को सीएम अशोक गहलोत ने भी मंजूरी दे दी थी। इसे लेकर सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था। अब केंद्र सरकार ने इस मामले की सीबीआई जाँच करने की अनुमति दे दी हैं।