दा एंगल।
मुंबई।
क्रिकेट के फटाफट प्रारूप यानी टवेंटी टवेंटी पर आधारित प्रतियोगिता इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत 2008 में हुई थी। उस समय किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि यह एक दिन इतना अधिक लोकप्रिय हो जाएगा। आज भारत ही नहीं विष्व में इसकी अपनी एक अलग पहचान बन चुकी है। 2019 तक इसके 12 संस्करण हो चुके हैं। आमतौर पर आईपीएल के मैच भारत के विभिन्न शहरों में अप्रैल से मई के बीच होते हैं। लेकिन दो बार सुरक्षा कारणों के चलते यह विदेश में भी आयोजित हो चुकी है।
आईपीएल भारत ही नहीं विदेशी खिलाड़ियों को भी देता मौका
आईपीएल में भाग लेने वाली टीमों में भारतीय और विदेशी खिलाड़ी शामिल होते हैं। भारतीय टीम में मौका नहीं पाने वाले घरेलू खिलाडियों को भी इसमें मौका मिलता है। इसकी टीमों के नाम प्रमुख शहरों या प्रांत के नाम पर हैं जैसे कि कोलकाता नाइटराइडर्स व राजस्थान रायल्स।
2020 में होने वाले आईपीएल की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अगले साल होने वाली इस बहुचर्चित टी-20 लीग के लिए 19 दिसम्बर को कोलकाता में नीलामी होगी। बीसीसीआई ने पहली बार इसके लिए स्थान को बदलने का फैसला किया है। इससे पहले नीलामी बेंगलुरु में होती रही है।
इस साल की नीलामी पिछले सीजन की तरह बड़े पैमाने पर नहीं होगी और उसके लिए ट्रेडिंग विंडो 14 नवंबर को ही बंद हो जाएगी। इस बार के सीजन के लिए सभी फ्रैंचाइजियों को 85 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे जिसकी मदद से उन्हें अपनी टीम बनानी होगी। हालांकि सभी टीमों के पास तीन करोड़ का अतिरिक्त पैसा भी होगा।
दिल्ली के पास सबसे अधिक बकाया राशि
फिलहाल नीलामी में दिल्ली की टीम के पास सबसे अधिक बकाया राशि है। नीलामी में अगर फ्रेंचाइजी तय की गई कीमत से कम में ही खिलाड़ियों को लेकर टीम बना लेती है तो बचे हुए पैसे फ्रेंचाइजी के अकाउंट में जमा हो जाते हैं जिसे वह अगली नीलामी में खर्च कर सकती है।
इस हिसाब से दिल्ली के पास अभी सबसे अधिक बैंक बैलेंस है जिसका वो इस्तेमाल आगामी नीलामी के दौरान कर सकती है। दिल्ली कैपिटल्स के पास जहां 8.2 करोड़ रुपए की राशि है वहीं राजस्थान रॉयल्स 7.15 करोड़, कोलकाता नाइट राइडर्स 6.05 करोड़, सनराइजर्स हैदराबाद 5.3 करोड़, किंग्स इलेवन पंजाब 3.7 करोड़, चेन्नई सुपर किंग्स 3.2 करोड़, मुंबई इंडियंस 3.05 करोड़ और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के पास 1.8 करोड़ की बकाया राशि है।