द एंगल।
स्वीडन।
स्वीडन की 16 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने पर्यावरण अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु आंदोलन के लिए विज्ञान को सुनने की जरूरत है न कि अवॉर्ड लेने की। युवा जलवायु कार्यकर्ता के ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर’ मूवमेंट में लाखों लोग शामिल हुए थे।
इसे लेकर स्टॉकहोम में नॉर्डिक काउंसिल ने उन्हें सम्मानित किया था। थनबर्ग को स्वीडन और नॉर्वे में अपने काम के लिए नामित किया गया था और संगठन का वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी।
पुरस्कार और पैसे लेने से भी किया मना-
पुरस्कार की घोषणा होने के बाद थनबर्ग की प्रतिनिधि ने दर्शकों से कहा कि वह पुरस्कार या 350,000 डेनिश क्रोनर (लगभग 36,83,000 रु.) की पुरस्कार राशि को स्वीकार नहीं करेंगी।
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ग्रेटा ने कहा-
मुझे नॉर्डिक काउंसिल का पर्यावरण पुरस्कार 2019 मिला है। मैंने इस पुरस्कार को अस्वीकार करने का निर्णय लिया है। “मैं वर्तमान में कैलिफ़ोर्निया से यात्रा कर रही हूँ और इसलिए आज आपके साथ उपस्थित नहीं हो पा रही हूँ। मैं इस पुरस्कार के लिए नॉर्डिक परिषद को धन्यवाद देना चाहती हूं। यह बहुत बड़ा सम्मान है।
लेकिन जलवायु आंदोलन को किसी और पुरस्कार की आवश्यकता नहीं है। हमें अपने राजनेताओं और सत्ता में बैठे लोगों के लिए वर्तमान, सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध विज्ञान को सुनना शुरू करना चाहिए।
जलवायु और पर्यावरण के मुद्दों पर नॉर्डिक देशों की दुनिया भर में बड़ी प्रतिष्ठा है।
थनबर्ग ने अवॉर्ड के लिए काउंसिल को धन्यवाद दिया
थनबर्ग अभी अमेरिका में हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा- क्लाइमेंट मूवमेंट के लिए किसी चीज़ की जरूरत नहीं है। हमारे लिए जरूरत है कि आज के नेता और जो लोग सत्ता में हैं, वे विज्ञान को सुनें। हालांकि, उन्होंने अवॉर्ड के लिए नॉर्डिक काउंसिल को धन्यवाद भी दिया। साथ ही कहा कि जलवायु और पर्यावरण के मुद्दों पर नॉर्डिक देशों की दुनियाभर में बड़ी प्रतिष्ठा है। लेकिन जब असल में कार्बन उत्सर्जन और इकोसिस्टम की बात आती है तो सिर्फ डींगे हांकी जाती हैं।