दा एंगल।
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमआर में इंदिरा रसोई योजना को लेकर निवास पर बैठक की। बैठक में इस योजना की तैयारियों की समीक्षा की। इस मौके पर बोलते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कह कि देश की महान नेता स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी का पूरा जीवन गरीब कल्याण को समर्पित रहा। राज्य सरकार ऐसे महान व्यक्तित्व के नाम पर मानव सेवा की ऐसी योजना शुरू करने जा रही है जिसमें गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र 8 रूपए में शुद्ध पौष्टिक भोजन मिलेगा।
योजना को जनसेवा की भावना, पारदर्शिता एवं जनभागीदारी के साथ लागू किया जाए ताकि यह पूरे देश में निर्धन वर्ग को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मिसाल बने। राज्य सरकार इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रूपए खर्च करेगी।
योजना को लेकर मुख्यमंत्री का बड़ा फैसला
सीएम अशोक गहलोत के साथ इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना को लेकर बड़ा फैसला किया है। कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए 20 अगस्त से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत करने के निर्देश दिए हैं। इस रसोई में शुद्ध और पौष्टिक भोजन प्रति व्यक्ति को 8 रुपए में मिलेगा। इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे जिसको सरकार वहन करेंगी। इंदिरा रसोई योजना से प्रदेश के करीब 4 करोड़ 87 लाख लोगों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन मिलेगा।
प्रदेश के 213 निकायों में होगी लागू
स्वायत्त शासन मंत्री प्रदेश की सभी 213 निकायों में इसे लागू किया जाएगा। जयपुर में 20, जोधपुर में 16, कोटा मेें 14, भरतपुर में 5, शेष नगर निगमों में 10-10 स्थाई रसोइया स्थापित की जाएगी। वहीं नगर परिषदों में 5-5 स्थाई रसोई स्थापित की जाएगी। इसके साथ ही बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मंडी, अस्पताल पर स्थाई रसोई बनाई जाएगी। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि स्थाई जगह मिलने के साथ ही इसके लिए रसोइयों को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। रसोई के संचालन की जिम्मेदारी एनजीओ को दी जाएगी। सरकार प्रति थाली पर 12 रुपए अनुदान देगी। जिला कलेक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।