यूपी में विधानसभा चुनाव के शुरु होने से पहले ही बीजेपी की मुश्किलें बढ़नी शुरु हो गई है .पहले बीजेपी के मंत्री ,नेता बगावती सुर दिखा कर दल बदल रहे थे तो अब किसान अपना बदला लेने पर अड़ गए है .दरअसल तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने के बाद किसानों ने बीजेपी को सबक सिखाने की ठान ली थी.और यह सबक किसान बीजेपी को विधानसभा चुनावों में सिखाने वाले है .
किसान मोर्चा की अपील
यूपी में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वोटरों के साथ किसानों ने भी कमर कस ली है .इसी के चलते संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से अपील की है कि यूपी में चुनाव किसान विरोधी बीजेपी को सजा दे .किसान मोर्चा का कहना है कि बीजेपी ने हमें आश्वासन देकर धरना खत्म करवा दिया है .और जो लिखित में वादें लिखकर देना था उससे मुकर गई है.
किसान मोर्चा की अपील कुछ इस तरह
किसान मोर्चा ने अपनी इस अपील को नाम दिया है किसान आंदोलन का एक सिपाही.और इस अपील में लखीमपुर खीरी कांड का भी जिक्र किया गया है.अपील में कांड का जिक्र करते हुए कहा गया कि षड्यंत्रकारी अभी भी खुला घूम रहा है .और बीजेपी कभी भी सच की भाषा नहीं समझती ,यह केवल वोट और सत्ता की भाषा समझती है .
2017 में किये वादों का जिक्र
किसानों संगठन की अपील में तमाम उन वादों का जिक्र किया गया है जब योगी सरकार ने 2017 में किसानों से किया था और मोदी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने पर किया था,किसान संगठन का कहना है कि सीएम योगी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में किसानों के साथ कई वादें किए थे लेकिन पांच साल गुजर जाने के बाद भी कोई भी वादें पूरे नहीं हुए .
अपील में इस बात पर जोर
किसान संगठन ने अपनी अपील के अंत में कहा है कि किसान विरोधी बीजेपी सरकार के कान खोलने का समय आ गया है और अब बीजेपी को सजा देनी ही पड़ेगी.साथ ही इस अपील के माध्यम से किसानों को आह्वान किया गया कि जो भी बीजेपी नेता वोट मांगने आता तो उससे इन मुद्दों पर सवाल जरुर पूछना.बात करें किसानों की तो किसान का दर्द किसान ही समझ सकता है कि किन किन हालातों में वो हकों के लिये लड़ता है .इसलिये वोट डालते वक्त किसान इस अपील को जरुर याद रखे.
वही किसान संगठन ने निवेदन किया है कि उत्तरप्रदेश के हर किसान तक इस अपील को पहुंचाया जाया.आपको अवगत करा दे कि पश्चिमी यूपी में किसान मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है और किसान आंदोलन के दौरान भी बीजेपी का इस इलाके में किसानों ने काफी विरोध किया था.वही इस अपील बीजेपी को कही ना कही बडा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है .अब देखने वाली तो यह होगी कि बीजेपी किसानों के इस विरोध से कैसे निपटेगी .