The Angle
जयपुर।
सीएम अशोक गहलोत के धौलपुर के राजाखेड़ा के मरैना की सभा के मंच से दिए गए बयान पर प्रदेश में सियासत उबाल पर है। गहलोत ने अपने बयान में जहां फिर से मानेसर घटनाक्रम को लेकर सचिन पायलट खेमे के घेरा, वहीं संकटकाल में साथ निभाने वाले विधायकों का खुले दिल से आभार भी जताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हालांकि उस समय खिलाड़ी लाल बैरवा और गिर्राज मलिंगा ने भी उनका साथ दिया था, लेकिन अब शायद किसी कारण से दोनों उनसे नाराज हैं।
बताया जाता है कि दोनों विधायकों का जिक्र गहलोत ने इसलिए भी किया क्योंकि दोनों ने धौलपुर जिले की बसेड़ी और बाड़ी विधानसभा सीट से एमएलए हैं। इसके बाद भी जिले में आयोजित हुए सरकारी कार्यक्रम से दोनों ने दूसरी बनाए रखी। बताया जाता है कि दोनों ही इससे पहले 6 मई को बाड़मेर में हुई एक बड़ी सभा में सचिन पायलट के साथ मौजूद थे। इसके बाद यहीं से पायलट के साथ दिल्ली चले गए थे।
वसुंधरा राजे बोलीं- गहलोत का मेरी तारीफ करना उनका षड्यंत्र
वहीं गहलोत के इस बयान पर भाजपा नेताओं के बयानों की जैसे बाढ़ ही आ गई है। जानकारों का कहना है कि क्योंकि अपने इस बयान के जरिए गहलोत ने अपने कई विरोधियों को निशाने पर लिया, ऐसे में हर कोई अपना-अपना बचाव करने में लगा हुआ है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने एक बयान जारी करते हुए गहलोत पर उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। राजे ने कहा कि मेरी तारीफ करना सीएम का षड़यंत्र है। मेरा जितना अपमान गहलोत ने किया कोई नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2023 में होने वाली हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं। गहलोत ने उन गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाए, जिनकी ईमानदारी और सत्य निष्ठा सर्वविदित है।
सीएम गहलोत के बयान पर भाजपा नेताओं ने दी अपनी प्रतिक्रिया
उधर विधायकों की खरीद-फरोख्त में कथित रूप से शामिल रहे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपना बचाव करते हुए ट्वीट कर लिखा कि गहलोत एक नंबर के झूठे हैं। अगर उनके बयान में सच्चाई है तो उन्होंने करोड़ों रुपए लेने वाले विधायकों के खिलाफ केस क्यों नहीं दर्ज कराया ? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई है जिसे जीतने के लिए गहलोत हर नाजायज तरीका इस्तेमाल कर रहे हैं। वे अपने विरोधी खेमे को गद्दार साबित करना चाहते हैं।
इसी तरह नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी इस मामले पर अपना बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि गहलोत पुराना राग फिर अलाप रहे हैं। मानेसर गए उन्हीं के विधायकों ने पैसा लिया, उस समय FIR दर्ज कराई और मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं, उन्हीं के निर्देश पर FR भी लगाई। जब उन्हें पूरी जानकारी है कि उनके किस विधायक ने कितना पैसा लिया और कहां उपयोग किया, तो फिर गृहमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री जी इतने बड़े अपराध को घटित होते क्यों देख रहे हैं ? क्यों FIR दर्ज नहीं कराते ? कथनी और करनी का अंतर राजस्थान का आवाम अपनी आंखों से अच्छी तरह से देख रहा है।