The Angle
जयपुर।
राजस्थान के युवा बेरोजगारों ने एक बार फिर प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ शहीद स्मारक पर हुंकार भरी। यहां सत्याग्रह करते हुए युवाओं ने अपनी मांगों को राज्य सरकार के सामने रखा। इस दौरान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के उपेन यादव ने कहा कि आरपीएससी के तमाम सदस्यों की जांच होनी चाहिए। उम्र कैद का कानून आया है, इसमें सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर तमाम लोगों की संपत्ति जब्त करे। आरपीएससी, कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति यूपीएससी की तर्ज पर या कमेटी बनाकर की जाए। साथ ही कहा कि एसआई भर्ती की गड़बड़ी में जितने लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उन सभी की जांच हो।
उपेन यादव ने युवाओं की ओर से की नई 1 लाख भर्तियों का परीक्षा कैलेंडर जारी करने की मांग
बेरोजगार युवाओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के अनुरूप नई 1 लाख भर्तियों का विभागवार वर्गीकरण कर परीक्षा कैलेंडर करने की मांग भी सरकार से की। साथ ही कहा कि चिकित्सा विभाग में लंबित पदों पर भर्ती कर युवा बेरोजगारों को राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रोटेस्ट में रीट में 82 अंक प्राप्त करने वाले और सीईटी में 40 परसेंट वाले भी योग्यता की मांग को लेकर शामिल हुए हैं।
युवाओं के पास वोट की ताकत, मांगों पर एक्शन नहीं तो चुनाव में होगा रण
उपेन ने कहा कि इन मांगों को लंबे समय से उठाया जा रहा है, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में अब चुनाव आ रहे हैं, युवाओं के पास वोट की ताकत है। जीत की चाबी भी युवाओं के पास रहेगी। युवा मिलकर संघर्ष कर रहे हैं और तमाम मांगों को लेकर आज याचना करने आए हैं, फिर भी अगर सरकार युवाओं की मांगों पर एक्शन नहीं लेती है, तो चुनावों में रण होगा। वहीं कई बेरोजगार ऐसे हैं जिन पर संघर्ष के दौरान मुकदमे भी लगे और अब उनका सिलेक्शन हो चुका है, लेकिन यदि उनके मुकदमे वापस नहीं होते तो ज्वाइन नहीं कर पाएंगे।
इस पर उपेन ने कहा कि ऐसे सभी अभ्यर्थियों के मुकदमे वापस हो रहे हैं। सरकार से इस पर सहमति बनी थी। कुछ अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज केस वापस हो चुके हैं और आगामी 1 महीने में सभी मुकदमे वापस हो जाएंगे। युवाओं के भविष्य के साथ किसी तरह का खिलवाड़ नहीं होगा।