The Angle
नई दिल्ली/जयपुर।
इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने अपनी नई टीम तैयार कर ली है। कांग्रेस की नई वर्किंग कमेटी की लिस्ट जारी कर दी गई है जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कुल 39 सदस्यों को शामिल किया गया है।
सीडब्ल्यूसी में मल्लिकार्जुन खड़गे ने नहीं किया बहुत ज्यादा बदलाव
वहीं इस कांग्रेस कार्य समिति में आनंद शर्मा और शशि थरूर समेत जी-23 के कई ऐसे नेताओं को भी जगह मिली है जो कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। सीडब्ल्यूसी का काफी दिनों से इंतजार किया जा रहा था। कांग्रेस में फैसले लेने वाली ये सबसे बड़ी कमेटी है। हालांकि पुरानी वाली कमेटी से इस नई कमेटी में ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है। सूची जारी करने से पहले पिछले कई महीनों बैठकों का दौर चला। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ कई बैठकें कीं।
वागड़ से महेंद्रजीत मालवीय, जाटों को साधने के लिए हरीश चौधरी को जगह
खास बात ये है कि राजस्थान से भी इस समिति में कुछ चुनिंदा चेहरों को मौका दिया गया है। इनमें प्रमुख नाम सचिन पायलट का है। माना जा रहा है कि उन्हें पार्टी के युवा चेहरे के तौर पर सीडब्ल्यूसी में शामिल किया है। वहीं राजस्थान के आदिवासी मतदाताओं साधने के लिहाज से मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को कमेटी में बतौर मेंबर शामिल किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को कमेटी में बरकरार रखा गया है। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश और पंजाब के एआईसीसी प्रभारी रह चुके पूर्व मंत्री हरीश चौधरी को विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।
हरीश चौधरी के जरिए पार्टी ने राजस्थान के पश्चिमी हिस्से और जाट मतदाताओं को साधने की कोशिश की है। जबकि पूर्वी भाग में पकड़ मजबूत करने के लिए अलवर के राजाखेड़ा से पूर्व विधायक रह चुके मोहन प्रकाश कौ मौका दिया गया है।
सचिन पायलट को 2024 के चुनाव के मद्देनजर कमेटी में किया गया शामिल
चर्चा है कि इस सूची के जरिए जहां पार्टी ने सचिन पायलट का कद बढ़ाया है, वहीं सचिन पायलट के भविष्य के संकेत भी इस सूची से मिले हैं। माना जा रहा है कि पार्टी सचिन पायलट को पार्टी 2024 के चुनाव में सक्रिय रखना चाहती है। इसलिए उन्हें सीडब्ल्यूसी में मेंबर बनाया गया है। इससे पार्टी को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में युवा मतदाताओं को साधने में मदद मिलेगी। वहीं इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि पार्टी सचिन पायलट को राजस्थान में ज्यादा सक्रिय नहीं करेगी और फिर से गहलोत-पायलट के बीच टकराव की स्थिति नहीं बने, इसे लेकर भी खास सावधानी बरत रही है।