The Angle
जयपुर।
प्रदेशभर के बाजारों में त्यौहारों की रौनक से बाजार गुलजार हो चुके हैं। खरीददारों की सुबह से लेकर रात तक चलने वाली लंबी रेलमपेल लोगों के उत्साह को खुद बयां करती है। इस बीच महिलाओं और सुहागिनों का सबसे बड़ा पर्व करवा चौथ भी बस आने ही वाला है। लेकिन ये असल में है किस दिन, इसे लेकर भी इस बार असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इससे पहले दीपावली को लेकर असमंजस था कि दीपावली किस दिन मनाई जाए। वहीं अब इस कड़ी में करवा चौथ का पर्व भी शामिल हो गया है।
करवा चौथ कब, इसे लेकर बनी हुई है असमंजस की स्थिति
जानकारी के मुताबिक इस बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 31 अक्टूबर को रात 9 बजकर 30 मिनट पर आरंभ होगी, जबकि चतुर्थी तिथि की समाप्ति अगले दिन 1 नवंबर को रात 9 बजकर 19 मिनट पर होगी। करवा चौथ का व्रत चांद को अर्घ्य देकर खोला जाता है, इस हिसाब से इसे 31 अक्टूबर को मनाए जाने को लेकर तर्क दिए जा रहे हैं। लेकिन ज्योतिषियों का मत है कि कोई भी पर्व उदयातिथि में मनाना ही श्रेयस्कर है क्योंकि करवा चौथ का व्रत भले ही रात को चांद को अर्घ्य देकर खोला जाता है, लेकिन इसकी शुरुआत सूर्योदय से पहले स्नान आदि कर सरगी करने से होती है। वहीं करवाचौथ पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को शाम 5.36 बजे से लेकर शाम 6.54 बजे तक रहेगा, जबकि 1 नवंबर को चंद्रोदय रात 8 बजकर 26 मिनट पर होगा।
100 साल बाद एक साथ विराजमान होंगे बुध और मंगल, इसी दिन शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग
वहीं इस बार का करवा चौथ एक और वजह से बेहद खास होने वाला है। दरअसल इस साल महासंयोग बन रहा है, जो कि 100 साल बाद होगा। इस बार मंगल और बुध एक साथ विराजमान होंगे, ऐसे में करवाचौथ पर बुध आदित्य योग बन रहा है। इसके अलावा इस दिन शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। इसे लेकर भी करवा चौथ पर उपवास रखने वाली महिलाओं में खासा उत्साह है। वहीं बाजारों में भी पूजन सामग्री की खरीददारी का दौर जारी है।