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ज्योति मिर्धा के बीजेपी जॉइन करने पर बवाल ,वसुंधरा गुट के माने जाने वाले पूर्व मंत्री अजय सिंह किलक ने जमकर विरोध किया

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अजय सिंह किलक (फाइल फोटो )

कांग्रेस से सांसद रही ज्योति मिर्धा ने हाल ही में बीजेपी का दामन थाम लिया है .वही बीजेपी इसे विधानसभा चुनावों के तहत बड़ी रणनीतिक जीत मान रही है .दरअसल नागौर में मिर्धा परिवार को काफी वर्चस्व रहा है .और जाट वोट बैंक के बाहुल्य वाले इलाके के चलते बीजेपी इसे जाट वोट बैंक को साधने के लिए बड़ी जीत की तरह देख रही है .लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि ज्योति मिर्धा के बीजेपी में शामिल होने से पहले ही पार्टी में विरोध के सुर उठने लगे थे.दरअसल पूर्व मंत्री और वसुंधरा के खास माने जाने वाले अजय सिंह किलक ने ज्योति मिर्धा के बीजेपी में शामिल होने का विरोध जताया था

अजय सिंह को नहीं है मिर्धा का बीजेपी में आना पसंद

सिंह का हाल ही का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है .जिसमें वो ये साफ कहते दिख रहे है कि अगर ज्योति मिर्धा को बीजेपी में शामिल किया तो डेगाना के कार्यकर्ता की हत्या होगी.क्योंकि यहां कोई भी नहीं चाहता है कि मिर्धा परिवार से कोई वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक को पार्टी में शामिल किया जाए.क्योंकि मिर्धा परिवार ने बीजेपी के कार्यकर्ता को काफी परेशान किया है .इसलिए अगर पार्टी किसी को पार्टी में लेने की सोचती है तो उसका विरोध होगा.लेकिन अब फिलहाल तो ज्योति मिर्धा पार्टी में शामिल हो चुकी है .तो क्या बीजेपी ने वसुंधरा राजे के खास माने जाने वाले अजय कि बात को भी तवज्जो नहीं दी

अजय सिंह माने जाते है वसुंधरा के खास

पूर्व मंत्री सिंह वसुंधरा सरकार में सहकारिता मंत्री रह चुके है .और इन्हे वसुंधरा खेमे का नेता भी माना जाता है .जिस तरह से बीजेपी एक रणनीति के तहत वसुंधरा के जितने भी सिपहसलार है उनको बिखेरने और पार्टी से निष्कासित का काम कर रही है तो उससे तो यही लगता है कि पूर्व मंत्री के विरोध के बावजूद ज्योति मिर्धा को पार्टी में शामिल कर लिया गया.जबकि डेगाना में मिर्धा परिवार ने ही बीजेपी के अजय सिंह किलक को विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त दी थी.लेकिन अब ऐसा लगता है कि बीजेपी ने वसुंधरा राजे और उनके खेमे के नेताओं को निपटाने के लिए साम दाम दंड भेद की नीति की तहत काम करना शुरु कर दिया है.

राजे का साथ मेघवाल को भी पड़ा भारी

हाल ही में देखा गया कि वसुंधरा गुट के ही माने जाने वाले वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल को भी बीजेपी ने पार्टी से निष्कासित कर दिया.क्योंकि उन्होंने अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप मढ़ दिये.और प्रेस कॉफ्रेस के माध्यम से भी पार्टी में गुटबाजी का आरोप लगाते हुए.पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी,राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया पर गंभीर आरोप लगा दिये.और साथ ही कहा कि मेरे साथ अन्याय इसलिए हो रहा है क्योंकि मैं वसुंधरा गुट का माना जाता है .

नागौर जिला जाट राजनीति का केंद्र

पूरा नागौर जिला जाट राजनीति का केंद्र माना जाता है .और डेगाना सीट पर भी मिर्धा परिवार का वर्चस्व रहा है .. बलदेव राम मिर्धा परिवार के दो सदस्य रामनिवास मिर्धा और नाथूराम मिर्धा के समय जाट राजनीति शिखर पर पहुंची. इन्हीं के चलते नागौर जाट राजनीति का सियासी केंद्र बना. मिर्धा परिवार की राजनीतिक हनक का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है  कि आपातकाल के बाद जब कांग्रेस का उत्तर भारत से सफाया हो गया, तब विधानसभा चुनाव में मारवाड़ की 42 सीटों में से कांग्रेस ने 26 सीटें जीत लीं. इस तरह से बीजेपी ने एक तरह ज्योति मिर्धा को पार्टी में शामिल किया है उसके पीछे बड़ा कारण ये भी माना जा रहा है.

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