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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी दूर करेंगे किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी !

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी दूर करेंगे किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी !

The Angle

जयपुर।

देर से ही सही, आखिर भाजपा को भी लोकसभा चुनाव में राजस्थान में मिली पार्टी की करारी हार की वजह जानने के लिए महामंथन करने की याद आ ही गई। ये स्थिति भी तब है, जब प्रदेश की 25 में से एक झटके में भाजपा से 8 सीटें छीन लेने वाली कांग्रेस पार्टी पहले ही फीडबैक कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे डोटासरा को 8 सीटों पर भाजपा का किला ध्वस्त करने पर जीत की बधाई भी दे चुके हैं। वहीं भाजपा के खाते से इस बार 11 सीटें कम हुई हैं।

भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने सीपी जोशी को दी खास जिम्मेदारी

इसके कई दिनों बाद भाजपा में भी 2 दिन तक हार के कारणों पर महामंथन किया गया। जिसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के अलावा सीएम भजनलाल शर्मा सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए और हर लोकसभा क्षेत्र वार पार्टी संगठन के नेताओं ने इन क्षेत्रों में भाजपा की हार को लेकर अपना फीडबैक दिया। वहीं चर्चा है कि बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने एक और बड़ा काम सौंपा है। दरअसल भाजपा के वरिष्ठ नेता और भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री इशारों-इशारों में मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कह चुके हैं और करीब 10 दिनों से दफ्तर जाना भी छोड़ा हुआ है। ऐसे में सीपी जोशी को किरोड़ी लाल मीणा को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है ताकि वे मंत्री पद से इस्तीफा न दें।

5 विधानसभा सीटों पर होंगे उपचुनाव, 3 पर किरोड़ी लाल मीणा का प्रभाव

इसके चलते हाल ही में जब सीपी जोशी से पूछा गया कि किरोड़ी लाल मीणा इस्तीफा कब देंगे, तो सीपी जोशी ने कहा था कि आखिर आप किरोड़ी लाल मीणा के पीछे क्यों पड़े हुए हैं। वे बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं, उनसे बैठकर बातचीत करेंगे। माना जा रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफा देने से जहां पार्टी के अन्य जिम्मेदार नेताओं के सिर पर भी हार का ठीकरा फूटेगा और उन पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बनेगा, वहीं दूसरी तरफ अक्टूबर-नवंबर के करीब प्रदेश की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी करवाए जाएंगे। इनमें से बांसवाड़ा, देवली-उनियारा और दौसा की सियासत को किरोड़ी लाल मीणा सीधे प्रभावित करते हैं।

ऐसे में अगर किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद छोड़ा, तो भाजपा को उपचुनावों में इन क्षेत्रों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में भाजपा उपचुनाव से पहले ही लोकसभा चुनाव में पार्टी में हुए नुकसान के डैमेजकंट्रोल में जुट गई है।

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