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आहार विशेषज्ञ के रूप में बनाएं बेहतरीन करियर

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द एंगल।

नई दिल्ली।

भोजन हम सभी के जीवन का एक अहम् हिस्सा है। लेकिन स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ और संतुलित भोजन लेना बेहद जरूरी है। जंक फूड जैसे बर्गर, पिज्जा आदि की विश्वभर में कड़ी आलोचना हो रही है। ये खाद्य पदार्थ लोगों को मोटापे का शिकार बना रहे हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं। इसीलिए खाद्य उत्पादों का उत्पादन करने वाली इंडस्ट्री रोजाना अपने उत्पादों को स्वास्थ्यप्रद बनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में खाद्य पदार्थों के जानकारों की मांग काफी बढ़ गई है।

 

आहार विशेषज्ञ के लिए योग्यता

इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए भरपूर मौके हैं। क्योंकि जब तक इंसान को भोजन की आवश्यकता होगी, तब तक इस क्षेत्र में मौके बने रहेंगे। इसमें करियर बनाने के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित या होम साइंस में 12वीं पास होना अनिवार्य है। इसके बाद फूड साइंस, केमिस्ट्री या माइक्रोबायोलॉजी में बैचलर डिग्री कर सकते हैं। यह कोर्स 4 साल का होता है। बैचलर डिग्री करने के बाद फूड केमिस्ट्री, मेन्युफैक्चरिंग प्रोसेस और अन्य क्षेत्रों में एडवांस डिग्री भी कर सकते हैं। इसके अलावा डायटेटिक्स एंड न्यूट्रीशियन और फूड साइंस एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रीशियन में डिप्लोमा भी किया जा सकता है। अगर आप ग्रेजुएशन कोर्स पूरा कर चुके हैं, इसमें एमएससी भी कर सकते हैं। इस क्षेत्र में शोध-अध्ययन करने की भी काफी संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों को अवसर भी बहुत मिलते हैं।

 

यूं मिलेगा प्रवेश

ऑल इंडिया ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जाम देकर आप फूड टेक्नोलॉजी और बायोकेमिकल साइंस में सरकारी कॉलेजों से बीटेक की डिग्री हासिल कर सकते हैं। वहीं, आईआईटी में एडमिशन लेने के लिए आपको जेईई मेन्स और जेईई एडवांस की परीक्षा पास करनी होगी। GATE फूड टेक्नोलॉजी एंट्रेंस एग्जाम देकर आईआईएससी बेंगलुरू में भी दाखिला लिया जा सकता है। इसके अलावा सभी निजी संस्थान अपने-अपने लेवल पर एंट्रेंस परीक्षाएं आयोजित करते हैं।

 

आहार विशेषज्ञ बनने के लिए आवश्यक कौशल

– इन पेशेवरों को खाद्य विज्ञान की पूरी जानकारी होनी चाहिए और उसका क्रियान्वयन उत्पादन प्रक्रिया के दौरान करने की कुशलता भी होनी चाहिए।

– इन पेशेवरों को बिजनेस की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा इनका विश्लेषणात्मक और गणित का ज्ञान भी बेहतर होना चाहिए।

– इन पेशेवरों में आत्मविश्वास की कमी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इन्हें ज्यादातर समय स्वतंत्र रूप से काम करना पड़ता है।

– इसके लिए पेशेवरों को खाद्य पदार्थों का काफी अध्ययन करना पड़ता है, इसलिए इनकी कंप्यूटर स्किल और नई तकनीक के साथ काम करने की क्षमता भी बेहतर होनी चाहिए।

– इन पेशेवरों में ध्यान केंद्रित करने की अच्छी क्षमता होनी चाहिए, ताकि भोजन से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी भी इनकी नज़र से छूटने न पाए।

– स्वास्थ्य, सुरक्षा और साफ-सफाई के बारे में भी खास जानकारी होना अनिवार्य है।

– इन पेशेवरों को उत्पादनकर्ताओं के लिए काम करना होता है और ऐसे में उनके साथ लगातार संपर्क में भी रहना पड़ता है। इसलिए इनका संवाद-कौशल भी अच्छा होना चाहिए। इन पेशेवरों के पास टीम में काम करने की अच्छी क्षमता होनी चाहिए।

 

ये होती हैं आहार विशेषज्ञ की जिम्मेदारियां

– फूड लेबलिंग के लिए उत्पाद में सही पोषक तत्वों की जानकारी देना।
– खाद्य पदार्थों को ताजा, सुरक्षित और आकर्षक बनाए रखने के तरीकों की खोज करना।
– खाना बनाने के दौरान लगने वाले समय और पैसों की बचत करने के लिए तरीके ढूंढ़ना।
– रोजमर्रा के कामों में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा की जांच करना।
– नई चीजों के साथ प्रयोग कर नए उत्पाद तैयार करना।
– लैब में प्रयोग करना और सैंपल उत्पाद तैयार करना।
– प्रोडक्शन की प्रक्रिया से डिजाइनिंग करना और मशीन की जांच करना।
– इंजीनियर, प्रोडक्शन और मार्केटिंग विशेषज्ञों के साथ मिलकर उत्पाद के निर्माण में आ रही किसी भी समस्या का समाधान करना।
– उत्पाद के निर्माण से पहले इसमें इस्तेमाल की जा रही सामग्री की जांच और निगरानी करना।
– प्रोसेसिंग प्लांट में क्वालिटी कंट्रोल का काम करना और पूरी निर्माण प्रक्रिया की निगरानी करना।
– उत्पादन के निर्माण का शेड्यूल बनाना और साफ-सफाई के लिए व्यवस्था तैयार करना।

इन पेशेवरों को कई बड़ी कंपनियों के अलावा भारत सरकार के खाद्य विभागों में भी नौकरियों के अवसर मिल सकते हैं

 

सैलेरी

इस क्षेत्र में शुरुआत करने पर 20 से 25 हजार रुपए प्रति माह तक वेतन मिल सकता है। पांच साल का अनुभव लेने के बाद 5 से 6.4 लाख रुपए सालाना तक का पैकेज मिल जाता है। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है, वेतन भी 9 से 18 लाख रुपए तक सालाना हो सकता है। इस क्षेत्र में अगले 10 साल तक नौकरियों में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी होने की संभावना है।

 

ये कोर्स कर सकते हैं

– बीएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी
– एमएससी फूड एंड न्यूट्रीशियन
– बीटेक फूड प्रोसेसिंग एंड फूड टेक्नोलॉजी
– बीएससी इन होम साइंस
– एमएससी बायो टेक्नोलॉजी
– एमटेक इन फूड टेक्नोलॉजी
– एमटेक इन फूड एंड न्यूट्रीशियन
– सर्टिफिकेट कोर्स इन फूड प्रोसेसिंग एंड प्रिजर्वेशन
– डिप्लोमा इन फूड प्रोसेसिंग
– डिप्लोमा इन फूड प्रिजर्वेशन
– डिप्लोमा इन फूड प्रिजर्वेशन एंड टेक्नोलॉजी
– पीएचडी इन फूड प्रिजर्वेशन
– पीएचडी इन बायो टेक्नोलॉजी

 

प्रमुख संस्थान

– सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रॉप प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी
– नेशनल एग्री फूड बायो टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट
– राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कोटा
– नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशियन
– नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट
– एसआरएम यूनिवर्सिटी
– अन्ना यूनिवर्सिटी
– पांडिचेरी यूनिवर्सिटी
– आईआईटी खड़गपुर
– आईआईएससी बेंगलुरू

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