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नेवा गार्डन सीएचएस-1, ऐरोली की प्रबंध समिति की बर्खास्तगी

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जयपुर।

28 अगस्त, 2023 को बेलापुर में सिडको की संयुक्त रजिस्ट्रार संगीता डोंगरे द्वारा समिति को बर्खास्त करने और प्रशासक नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया था। समिति में उक्त निर्णय कोरम की कमी, वित्तीय अनियमितताओं और सोसायटी की बुरी स्थिति के संबंध में शिकायतें सुनने के बाद लिया गया, जो कि नेवा गार्डन फेज़-1 सहकारी हाउसिंग सोसायटी के 50 से अधिक सदस्यों की ओर से मिली थी। हालांकि मुख्य रूप से कोरम की आवश्यकता को पूरा करने में समिति की विफलता के कारण ही बर्खास्तगी हुई थी। इसके साथ ही उक्त निर्णय में अन्य मुद्दों पर विचार नहीं किया गया था। इस प्रकार 4 सितंबर, 2023 को व्यवस्थापक सलाहकार चंद्रकांत निकम ने सोसायटी का कार्यभार संभाला।

समिति में पूर्व अध्यक्ष विजय चौगुले और पूर्व सचिव संजय सिंह के नेतृत्व में बिना कोरम भी हो रही थी बैठकें

समिति में पूर्व अध्यक्ष विजय चौगुले और पूर्व सचिव संजय सिंह के नेतृत्व में एक वर्ष से अधिक समय से महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लिए जा रहे थे और मासिक बैठकों में आवश्यक कोरम के बिना भी सोसायटी का कुशलतापूर्वक संचालन हो रहा था। 6 जून, 2023 और 28 जून, 2023 को क्रमशः दो सुनवाइयाँ आयोजित की गईं। इस बीच बर्खास्तगी से बचने की नाकाम कोशिशों के चलते, 25 जून, 2023 को समिति ने पाँच सदस्यों को इसमें शामिल करने का प्रयास किया। फिर भी, एक रिपोर्ट, जिसे पीठासीन अधिकारी एमवी रावेरकर द्वारा प्रस्तुत किया गया था, के माध्यम से पता चला कि इस सह-विकल्प का आयोजन भी बिना कोरम के अनुचित तरीके से किया गया था। परिणाम के रूप में, जिस दिन सह-विकल्प हुआ, उस दिन समिति को कोई भी व्यवसाय करने में अक्षम माना गया और उक्त सह-विकल्प को अवैध के रूप में स्वीकार किया गया।

डीम्ड कन्वेयंस के लिए आवेदन का किया आग्रह, लेकिन प्रबंध समिति इसमें पूरी तरह रही विफल

विगत 12 वर्षों से नेवा गार्डन फेज़-1 को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के सदस्य, मिथुभाई माव, बिल्डर और निदेशक, मेसर्स नेवाराज बिल्डर्स, के साथ चल रहे मुद्दों का सामना कर रहे हैं। सोसायटी को इसके गठन के बाद वैधानिक अवधि पूरी होने के बावजूद भी अब तक संपत्ति नहीं सौंपी गई है। राज्य सरकार द्वारा कई बार सोसायटीज़ से डीम्ड कन्वेयंस के लिए आवेदन करने का आग्रह किया जा चुका है, लेकिन संबंध में कोई कदम उठाने में वर्ष 2019 में चुनी गई यह प्रबंध समिति पूरी तरह विफल रही।

सदस्यों ने संयुक्त रजिस्ट्रार (सिडको) के पास शिकायत करवाई दर्ज

हाल ही में एक संचार के माध्यम से, बिल्डर ने यह स्वीकार किया कि उसने अभी तक जमीन नहीं सौंपी है, क्योंकि वह अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) की उम्मीद में है। प्रबंध समिति ने बिल्डर की सहायता करने के प्रयास के चलते एजीएम में एक नई विंग को मंजूरी देने का फैसला किया, जिसका अधिकांश सदस्यों द्वारा विरोध किया गया। इसके अलावा, सचिव संजय सिंह ने आम सभा की बैठक में बिना मंजूरी के मंदिर निर्माण का प्रयास किया। सोसायटी के सदस्यों को बिल्डर और प्रबंध समिति दोनों के कार्यों से बेहद ठेस पहुँची है। जहाँ तक तरफ सदस्यों ने संयुक्त रजिस्ट्रार (सिडको) के पास शिकायत दर्ज कराई है, वहीं, कुछ सदस्यों ने महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम से न्याय की माँग की है।

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