THE ANGLE
दिल्ली
जर्मन पुलिस द्वारा प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस ग्रुप के सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी को गिरफ्तारी कर लिया गया है। भारत सरकार के अनुरोध और चेतावनी के बाद जर्मन पुलिस ने हरकत में आकर जसविंदर को गिरफ्तार किया। भारत सरकार ने जर्मनी को यह चेतावनी दी थी की अगर दिल्ली या मुंबई में बम विस्फोट होता है तो उसके लिए जर्मनी को जवाबदेह ठहराया जाएगा। जिसके बाद जर्मन पुलिस ने जसविंदर को हिरासत में लिया। जसविंदर सिंह मुल्तानी पिछले दिनों लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट का आरोपी है।
जर्मन पुलिस द्वारा प्रतिबंधित है जसविंदर सिंह मुल्तानी
मुल्तानी ‘सिख फॉर जस्टिस’ ग्रुप से जुड़ा हुआ है। उनपर आरोप है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर आतंक फैलाने का काम कर करते है और फ़िलहाल वह दिल्ली व मुंबई में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की फ़िराक में भी था। अधिकारियों के मुताबिक, मुल्तानी एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का भी खास है। साथ भी कई अलगाववादी गतिविधियों में उसका हाथ रहा है। बर्लिन और नई दिल्ली में स्थित अधिकारियों के अनुसार, मोदी सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेने की बात कही, साथ ही इससे जुड़ी सभी ख़ुफ़िया जानकारी भी प्रदान करवाई जिससे जसविंदर और अन्य खालिस्तानी समर्थको को पकड़ा जा सके।
भारतीय दूतावास के अधिकारियों को क्रिसमस की छुट्टियों से बुला लिया वापस
इसके लिए मोदी सरकार ने विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों द्वारा भारतीय दूतावास के अधिकारियों को उनकी क्रिसमस की छुट्टियों से वापस बुला लिया था। फ़िलहाल इस मामले में जसविंदर से जर्मन पुलिस पूछताछ कर रही है, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और विदेश मंत्रालय इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। जर्मन अधिकारियों द्वारा मुल्तानी की गिरफ्तारी द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ा कदम है क्योंकि यह यूके और कनाडा जैसे देशों को सिख अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर करेगा, जिन्हें पाकिस्तान जैसे देश का समर्थन प्राप्त है।