The Angle
पटना।
तीसरी बार प्रधानंमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी पहली बार बिहार के दौरे पर पहुंचे। यहां उन्होंने करीब 2 हजार साल बाद फिर से पुनर्जीवित नालंदा विश्वविद्यालय के नए भवन परिसर का उद्घाटन किया। इससे पहले उन्होंने कैंपस में मौजूद खंडहरों का निरीक्षण किया। नालंदा विश्वविद्यालय का नया परिसर प्राचीन खंडहरों के पास ही बनाया गया है, इसे नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत स्थापित किया गया था।
नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में 17 देशों के राजदूत भी हुए शामिल
नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत 17 देशों के राजदूत भी शामिल हुए। खास बात यह है कि यह पहला मौका था जब दुनिया के 17 देश किसी विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में जुड़े। नए परिसर में निर्माण कार्य 2017 में ही शुरू हुआ था। जिसके बाद कई समझौते किए गए।
पीएम मोदी बोले- आग की लपटें पुस्तकों को जला सकती हैं, ज्ञान को नहीं
पीएम मोदी ने इस मौके पर आयोजित किए गए भव्य समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं। ये नया कैंपस, विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। नालंदा बताएगा कि जो राष्ट्र, मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं, वो राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं।
करीब 2 हजार साल पहले बख्तियार खिलजी ने कर दिया था तबाह
बताया जाता है कि करीब 2 हजार साल पहले खिलजी वंश के शासक बख्तियार खिलजी ने इस विश्वविद्यालय को पूरी तरह तबाह कर दिया था। इससे पहले दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से यहां विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे।