THE ANGLE
वाराणसी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में यूपी विधानसभा चुनाव 2022 और किसान न्याय रैली को संबोधित करने पहुंची थी। उनके साथ में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, दीपेंद्र हुडा भी थे। यह पहली बार था जब लखीमपुर कांड और किसान आंदोलन को लेकर प्रियंका गाँधी ने किसी रैली में बात की।साथ ही लखीमपुर खीरी मामले को लेकर केंद्रीय सरकार को घरेने की कोशिश भी करी।
प्रियंका गांधी दौरे से पहले मंदिर दर्शन को पहुंची
प्रियंका गांधी दौरे से पहले श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर गई जहां प्रियंका ने पूजा अर्चना की। इसके बाद प्रियंका गांधी काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के बाद मां कूष्मांडा के मंदिर गई जहां उन्होंने माँ कूष्मांडा माता का आशीर्वाद लिया।
मंदिरों के दर्शन के बाद प्रियंका गाँधी किसान न्याय रैली के मंच पर पहुंची थी। प्रियंका गांधी के भाषण से पहले प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधायक आराधाना मिश्रा, पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, पूर्व विधायक अजय राय समेत कई अन्य नेताओं ने भाषण दिया।
प्रियंका गाँधी ने सम्बोधन में लखीमपुरी हिंसा की बात उठाई
प्रियंका गाँधी ने अपने सम्बोधन में लखीमपुरी हिंसा की बात उठाई और कहा गृह राज्यमंत्री के बेटे ने किसानों को कुचला लेकिन अपराधी को पकड़ने कोई नहीं आया जबकि उन्होंने ने लखीमपुर जाने की कोशिश की तो हर तरफ पुलिस की घेराबंदी कर दी गई। उन्होंने कहा – मोदी जी के अरबपति मित्रों ने पिछले साल हिमाचल से सेब को 88 रुपये प्रतिकिलो खरीदे थे।
इस बार जब लागत महंगी है तो वही सेब 77 रुपये प्रति किलो खरीदे गए किसानों को इसमें क्या फायदा हुआ। गाँधी ने मरने वालो के लिए न्याय मिलने की बात कही। साथ ही किसानो को मुआवज़ा नहीं चाहिए न्याय चाहिए ये भी कहा।
प्रदेश सरकार के बाद केंद्र सरकार पर किया हमला
प्रियंका गांधी ने प्रदेश सरकार के बाद केंद्र सरकार पर हमला बोला। कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार को भी घेरा कहा की क्या मोदी जी ने देखा है कि प्रदेश के किसान किस हाल में हैं.. ? क्या वो जानते हैं किसान किस मुश्किल का सामना कर रहे हैं ?
साथ ही उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा, कहा कि पेट्रोल 100 के पार और एलपीजी एक हजार के पार चला गया है। बिजली का दाम बढ़ा दिया है। बिजली नहीं आती पर बिजली के बिल घर में आजाते है। केवल बड़े-बड़े पोस्टरों में दिखावा होता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री अभी तक लखीमपुर हिंसा में पीड़ित किसानों से मिलने नहीं गए। देश-विदेश का भ्रमण कर सकते हैं लेकिन अपने देश के किसानों का दुःख जानने नहीं आ सकते। देश को बचाने के लिए बदलाव जरूरी है। भाषण के अंत में उन्होंने नवरात्र की शुभकामनाएं दी।