The Angle
जयपुर।
आरएएस भर्ती परीक्षा 2023 की परीक्षा देने वाले प्रदेशभर के लाखों अभ्यर्थी बेसब्री से प्री परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। इससे पहले ही उनके लिए आरपीएससी से एक बड़ी खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक पहले ये परीक्षा 906 पदों के लिए आयोजित की गई थी। इनमें से राज्य सेवा के 424 और अधीनस्थ सेवा के 481 पद शामिल थे।
कार्मिक विभाग से मिला पदों का नया वर्गीकरण, राज्य सेवा में बढ़ी पदों की संख्या
अब कार्मिक विभाग से आरपीएससी को पदों का नया वर्गीकरण मिला है। ऐसे में 67 पद बढ़ गए हैं। इस तरह अब ये भर्ती 906 की बजाय 972 पदों पर की जाएगी। इनमें से राज्य सेवा के 491 और अधीनस्थ सेवा के 481 पद होंगे। इस तरह राज्य सेवा का विकल्प चुनने वाले अभ्यर्थियों का मुकाबला तुलनात्मक रूप से कुछ कम हो जाएगा और आरएएस की मुख्य परीक्षा में ज्यादा अभ्यर्थियों को बैठने का मौका मिलेगा।
1 अक्टूबर को आयोजित की गई थी आरएएस भर्ती 2023 की प्री परीक्षा
बता दें आरपीएससी की ओर से 1 अक्टूबर को ही आरएएस भर्ती 2023 के लिए प्रारंभिक लेवल की परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके लिए करीब 7 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, लेकिन परीक्षा में करीब 66 प्रतिशत अभ्यर्थी ही मौजूद रहे थे। वहीं आरपीएससी ने परीक्षा को पारदर्शी, निष्पक्ष और त्रुटिरहित बनाने के लिए इस बार से प्रक्रिया में कुछ अहम बदलाव भी किए हैं। इसके तहत परीक्षा के दौरान नकल करते या अनुचित साधनों का प्रयोग करते पकड़े जाने पर अभ्यर्थी को राज्य सरकार की ओर से नकल की रोकथाम अधिनियम में किए गए संशोधन के मुताबिक आजीवन कारावास का दंड भुगतना होगा।
आरपीएससी ने बदला परीक्षा का पैटर्न, अब दे रहा 4 की बजाय 5 विकल्प
इसके अलावा परीक्षा में अभ्यर्थियों को अब 4 के स्थान पर 5 विकल्प मिलेंगे और सभी प्रश्न करने अनिवार्य होंगे। कोई प्रश्न का जवाब नहीं देने पर एक तिहाई अंक काटने का प्रावधान रखा गया है। अगर अभ्यर्थी को किसी प्रश्न का जवाब नहीं पता है, तो वह 5वें विकल्प को चुन सकता है। वहीं सभी प्रश्नों का उत्तर देना सुनिश्चित करने के लिए अभ्यर्थियों को परीक्षा के दौरान 10 मिनट का समय अतिरिक्त भी दिया जाएगा। राहत की बात है कि आरपीएससी का यह प्रयोग प्रारंभिक परीक्षा के दौरान सफल रहा है और प्रदेशभर में बनाए गए किसी भी सेंटर से कोई शिकायत नहीं आई है। ऐसे में आगामी 4-5 नवंबर को होने जा रही कनिष्ठ विधि अधिकारी भर्ती परीक्षा के लिए भी आयोग यही फॉर्मूला अपनाने जा रहा है।