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युवा सड़क पर, मुख्यमंत्री भजनलाल करवा रहे अभिनंदन, फिर क्यों याद आईं वसुंधरा राजे ?

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युवा सड़क पर, मुख्यमंत्री करवा रहे अभिनंदन, फिर क्यों याद आईं वसुंधरा राजे ?

The Angle

जयपुर।

एक तरफ जहां प्रदेशभर में बेरोजगार पुरुष युवा महिलाओं को थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं, वहीं इस बीच जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से महिलाएं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का इस फैसले के लिए अभिनंदन करने पहुंचीं। कार्यक्रम में महिलाओं में जोर शोर से नारे लगाकर और ताली बजाकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का स्वागत किया और आभार जताया। वहीं सीएम भजनलाल शर्मा ने भी अपने संबोधन में प्रदेश के युवाओं को आह्वान करते हुए कहा कि वे जमकर तैयारी करें क्योंकि आने वाले दिनों में प्रदेश में विभिन्न विभागों में बंपर भर्तियां निकाली जाने वाली हैं।

वापस नहीं लिया जाएगा 50 फीसदी महिला आरक्षण

राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का इस फैसले के लिए अभिनंदन करवाकर ये स्पष्ट कर दिया है कि सरकार किसी भी कीमत पर इस फैसले को अब वापस लेने वाली नहीं है। वहीं सवाल ये भी उठ रहे हैं कि जब राज्य सरकार युवाओं के हित के लिए इतना सोच रही है, तो आखिर वही युवा आज सड़कों पर उतरकर भजनलाल सरकार का विरोध क्यों कर रहे हैं। उधर एक चर्चा यह भी है कि भजनलाल शर्मा जैसे गैर-अनुभवी नेता को प्रदेश की कमान सौंपने का ही ये नतीजा है कि सरकार ने बिना सोचे-विचारे रीट भर्ती परीक्षा में करीब 80 फीसदी पदों को आरक्षित श्रेणी में कर दिया है। जबकि अगर भजनलाल शर्मा की जगह प्रदेश की कमान वसुंधरा राजे जैसी किसी अनुभवी नेता के हाथों में होती, तो रीट भर्ती में आरक्षण बढ़ाने से पहले अन्य वर्गों का भी ख्याल रखा जाता।

भजनलाल सरकार के फैसले के खिलाफ बेरोजगार जा सकते हैं हाईकोर्ट

एक अनुमान के मुताबिक अगर महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण लागू किया जाता है, तो करीब 80 परसेंट से ज्यादा पद आरक्षित कोटे में आ जाएंगे। यानि सामान्य वर्ग के लिए करीब 20 परसेंट सीटें ही बचेंगी। वहीं पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण 65 फीसदी करने के फैसले को रद्द कर दिया है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर राज्य सरकार अपने इस फैसले को वापस नहीं लेती है, तो युवा राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं।

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