The Angle
जयपुर।
राजस्थान विधानसभा में आज वन विभाग और स्वायत्त शासन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा हो रही है। चर्चा में पक्ष और विपक्ष के विधायक भाग ले रहे हैं। इस दौरान कई विधायकों ने जहां दोनों विभागों की तरफ से किए गए कामकाज को सराहा, वहीं विपक्ष के कई विधायकों ने सरकार के दावों की पोल भी खोली।
रफीक खान ने सदन में ली ज्ञानचंद पारख पर चुटकी
भाजपा विधायक ज्ञानचंद पारख ने अपने क्षेत्र को लेकर अनुदान मांगों के विषयों पर बात रखी। वहीं इसके बाद जब जयपुर के आदर्शनगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान अपनी बात रख रहे थे, तो उन्होंने ज्ञानचंद पारख को लेकर सदन में रोचक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि शायद पारख भी प्रमोशन की इच्छा रखते हैं। अपनी बात को विस्तार देते हुए कांग्रेस विधायक ने आगे कहा कि पहले ओम बिड़ला थे, वे बार-बार मंत्री शांति धारीवाल से टक्कर लेते थे। बाद में उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बना दिया गया। इसी तरह गुलाबचंद कटारिया धारीवाल से बार-बार टक्कर लेते थे। उन्हें असम का राज्यपाल मनोनीत कर दिया गया। इसी तरह ज्ञानचंद पारख भी प्रमोशन चाहते हैं, इसीलिए बार-बार मंत्री धारीवाल से टकराते हैं।
लाहोटी ने बताया नौसिखिया, बोले- आप एफिडेविट दें कि मैं तब मेयर था
वहीं जब रफीक खान अपनी बात रख रहे थे, इस दौरान उन्होंने द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट में घोटाले का आरोप तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार और विधायक अशोक लाहोटी पर लगाया। कांग्रेस विधायक ने कहा कि लाहोटी के मेयर रहते ही द्रव्यवती नदी की सफाई करने के नाम पर घोटाला हुआ। इस पर रफीक खान को बीच में टोकते हुए लाहोटी ने कहा कि आप एफिडेविट दें कि उस समय मैं मेयर था क्योंकि मैं उस समय मेयर नहीं था बल्कि बाद में बना। आप नौसिखिए की तरह बातें कर रहे हो जैसे रामगंज में खड़े हो। इस पर नाराजगी जताते हुए रफीक खान ने पूछा कि आपने मुझे नौसिखिया कैसे कहा। इसका जवाब देते हुए लाहोटी ने कहा कि नौसिखिया हो इसीलिए बोला है। हालांकि इसके बाद खींचतान कम होने की बजाय और बढ़ गई। बाद में सभापति के दखल पर मामला शांत हुआ।