The Angle
जयपुर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चित्तौड़गढ़ दौरे के 2 दिन बाद ही एक बार फिर आज राजस्थान के दौरे पर रहे। आज उन्होंने जोधपुर में पहले एक सरकारी कार्यक्रम में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया। इसके बाद जोधपुर में ही एक चुनावी सभा को संबोधित किया।
उज्ज्वला योजना लाभार्थियों की सब्सिडी बढ़ाने पर घेरा
इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी और प्रदेश कांग्रेस सेंट्रल वॉर रूम के को-चेयरमैन लोकेश शर्मा ने पीएम मोदी और भाजपा को निशाने पर लिया। लोकेश शर्मा ने केंद्र के उज्ज्वला लाभार्थियों को गैस सिलेंडर पर दी जा रही सब्सिडी की राशि 100 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ाने को लेकर कहा कि आपने तो विधानसभा चुनाव के चलते कल ये 100 रुपए कम किए हैं। सीएम ओएसडी ने कहा कि इनको सही मायनों में चुनावी रेवड़ी कहा जा सकता है। क्योंकि राजस्थान तो पहले से ही उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध करवा रहा है और ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। ये कुछ चंद ऐसे फैसले हैं जिनके जरिए राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने जनहित के फैसलों को लेकर एक बड़ी लकीर खींच दी है।
पीएम युवाओं के लिए फिक्रमंद होते तो रोजगार की भरमार का उदाहरण देते- सीएम ओएसडी
वहीं प्रधानमंत्री मोदी के प्रदेश के बेरोजगार नौजवानों से किए गए वादों को लेकर भी लोकेश शर्मा ने पीएम मोदी को घेरा। उन्होंने कहा कि राजस्थान के युवा सावधान भी हैं और सतर्क भी हैं। उन्हें ये बात अच्छी तरह पता है कि प्रधानमंत्री मोदी युवाओं के भविष्य की चिंता को, रोजगार को, देशव्यापी पेपर लीक समस्या को सिर्फ अपने राजनीतिक लाभ के लिए चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। लोकेश शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री यदि वास्तव में युवाओं के भविष्य के लिए फ़िक्रमंद होते, तो देश में रोजगार की भरमार का उदाहरण देते हुए बात करते। अगर भाजपा की पेपरलीक माफियाओं पर कार्रवाई करने की मंशा वाकई में होती तो भाजपा शासित राज्यों में किसी भी परीक्षा में पेपर लीक न होने का दावा करते। लेकिन की जा रही तमाम बातें हवा-हवाई हैं, चुनावी हैं, खोखली हैं।
लोकेश शर्मा बोले- अपणायत के शहर जोधपुर में कड़वाहट घोटने के प्रयास नहीं होंगे सफल
लोकेश शर्मा ने पीएम मोदी के जोधपुर में आकर राजस्थान में सांप्रदायिक दंगों और तुष्टिकरण का मुद्दा उठाने को लेकर भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि जब मणिपुर में महीनों से हिंसा हो रही है, तब पीएम मोदी जोधपुर में आकर सवाल उठा रहे हैं, जहां शांति है, अमन-चैन है। लेकिन वे ये भूल गए कि सूर्य नगरी जोधपुर अपणायत का शहर है और उसमें कड़वाहट घोलने के प्रयास सफ़ल नहीं होंगे। जोधपुर में जब तनाव हुआ तो अपने जन्मदिवस के तमाम कार्यक्रम तुरंत रद्द कर मुख्यमंत्री गहलोत तत्काल एक्शन लेते हुए गंभीरता के साथ लगातार पूरी स्थिति की बारीकी से मॉनिटरिंग कर रहे थे। प्रभावी रूप से तमाम वो कदम त्वरित रूप से उठाए गए थे, जिनसे हालात नियंत्रण में आएं और शांति स्थापित हो सके।