The Angle
जयपुर।
राजस्थान विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 3 और नए जिले बनाने का ऐलान एक कार्यक्रम के दौरान किया था। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में सुजानगढ़, मालपुरा और कुचामन को नया जिला बनाया जाएगा। इसे मुख्यमंत्री गहलोत का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा था। लेकिन इसी दिन सीएम गहलोत ने देर रात एक और बड़ा ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री गहलोत ने पीसीसी वॉर रूम में हुई बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में बताया कि बिहार की तरह ही राजस्थान भी जातिगत जनगणना होगी। प्रदेश में लगने वाली आचार संहिता से पहले सीएम गहलोत के इस दांव को भाजपा के खिलाफ बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है।
सीएम गहलोत बोले- जातिगत जनगणना से हर वर्ग के लिए योजनाएं बनाना होगा आसान
सीएम गहलोत ने पीसीसी वॉर रूम में हुई बैठक में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में जाति जनगणना की व्यवस्था बनाई थी और उसी के आधार पर हम यहां भी इसे करेंगे। राजस्थान सरकार भी बिहार की तरह जाति जनगणना करवाएगी। हम इस अवधारणा को लेकर चलेंगे कि जनसंख्या के अनुसार लोगों की भागीदारी होनी चाहिए। ऐसे में बिहार की तर्ज पर जाति आधारित जनगणना कराने के निर्देश दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि देश के अंदर विविध जातियां है.. विविध धर्म के लोग रहते हैं, जातियां अलग-अलग काम करती हैं, तो अगर मालूम पड़ेगा कि किस जाति की कितनी जनसंख्या है, तो मालूम पड़ेगा कि हमें क्या योजनाएं इनके लिए बनानी हैं। हमारे लिए जाति के अनुसार योजना बनाना आसान हो जाएगा।
भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी में मुख्यमंत्री
वहीं जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने सुजानगढ़ को जिला बनाकर चूरू, मालपुरा के जरिए टोंक और कुचामन को जिला बनाकर पूरे नागौर जिले के मतदाताओं को साधने का काम किया है। इसके अलावा प्रदेश की कुल आबादी में बड़ी संख्या ओबीसी समाज की मानी जाती है। ऐसे में जातिगत जनगणना का ऐलान कर भाजपा के ओबीसी वोटबैंक में सेंध लगाने की तैयारी भी सीएम अशोक गहलोत ने कर ली है।