The Angle
जयपुर।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की आगामी सूचियों में किन चेहरों को जगह मिलेगी, इसे लेकर सियासत गर्म है। लेकिन प्रदेश के करीब साढ़े 6 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को चुनाव से ज्यादा एक और चिंता भी सता रही है।
केंद्रीय निर्वाचन आयोग के पास अटकी हुई है राज्य कर्मचारियों के डीए-बोनस की फाइल
दरअसल हर बार केंद्र सरकार के अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा के साथ ही राज्य सरकार भी इस संबंध में आदेश जारी कर देती है। लेकिन इस बार प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते स्थितियां बदल गई हैं। अब राज्य सरकार की तरफ से तो इस संबंध में फाइल को मंजूरी दे दी गई है और निर्धारित प्रक्रिया के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी के पास भेजा गया था। लेकिन अब ये फाइल केंद्रीय निर्वाचन आयोग के पास जाकर अटकी हुई है, जहां राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने को लेकर अंतिम फैसला लिया जाना है।
ऐसे में राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि इस बार दिवाली से पहले महंगाई भत्ता और बोनस उन्हें मिल पाएगा या नहीं। क्योंकि इस बार दिवाली पर उनके घर में रौनक रहेगी या नहीं, यह इस महंगाई भत्ते और बोनस के तहत मिलने वाली राशि पर भी निर्भर करेगा, जिसका उपयोग कर्मचारी आम तौर पर त्यौहार की खरीददारी में करते हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने चुनाव आयोग के डीए संबंधी फाइल को मंजूरी न देने पर जताई थी नाराजगी
हाल ही में जयपुर में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने चुनाव आयोग स्तर पर फाइल को मंजूरी मिलने में हो रही देरी पर नाराजगी भी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि पहले भी चुनाव के समय चुनाव आयोग राज्य सरकार के कर्मचारियों का डीए बढ़ाने संबंधी फाइल को मंजूरी देता आया है। फिर इस बार ऐसा क्या है कि फाइल अभी तक अटकी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर चुनाव आयोग जल्द से जल्द फाइल को मंजूरी नहीं देगा, तो कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग पर भेदभाव करने का आरोप लगाएगा।
राज्य सरकार के 6 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
बता दें साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी बोनस के प्रस्ताव को चुनाव आयोग से 3 दिन में ही मंजूरी मिल गई थी। लिहाजा ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अक्टूबर माह के अंत तक चुनाव आयोग इस पर मंजूरी दे देगा और आगामी सप्ताह में इसे लेकर आदेश जारी कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि इससे 6 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. राजस्थान सिविल सेवा नियम 2017 के अनुसार पे मैट्रिक्स लेवल 12 या वेतन श्रंखला 4800 और इससे नीचे वेतन वालों को ही इस बोनस का लाभ मिलेगा। इसमें पंचायत समिति और जिला परिषद के कर्मचारियों को फायदा होगा।