दा एंगल।
जयपुर।
आज हम चाहे अपने आपको कितना ही शिक्षित समझ लें, लेकिन कुछ लोगों की सोच आज भी वहीं की वहीं टिकी पड़ी है। आज जहां दुनिया चांद पर जाने की बात कह रही है। वहीं अभी कुछ लोगों की सोच बाबा आदम के जमाने की है। देश में शिक्षा का प्रचार-प्रसार हो चुका है फिर भी लोग अभी भी दकियानुसी सोच पाले हुए हैं। भारत में देश में आज भी दलित समाज को हेय दृष्टि से देखते हैं। वो उनको आज भी मंदिर में जाने से रोकते हैं।
मैसूर का एक पूरा मामला
ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है कर्नाटक के मैसूर में। मैसूर के हालरा गांव में एक बहुत ही शर्मनाक मामला सामने आया है। दरअसल, हलारा गांव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदाय के लोगों बाल काटने पर नायक समाज के लोगों ने एक नाई का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। साथ ही, उस पर जुर्माना भी लगा दिया। पीड़ित ने मामले की जानकारी पुलिस को दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़ित ने परिवार सहित आत्महत्या करने की धमकी दी है। पीड़ित नाई की पहचान मल्लिकार्जुन शेट्टी के रूप में हुई है। उसने छोटी जाति के लोगों के बाल काटे थे, जिसके बाद नायक समुदाय के लोगों ने उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और उसका भुगतान करने के लिए कहा।
आज भी समाज में दकियानूसी सोच जिंदा
पीड़ित ने बताया कि करीब तीन महीने पहले कुछ लोग उसकी दुकान पर आए थे। उन्होंने उसको कहा कि वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदाय के लोगों के बाल न काटे। अगर वह ऐसा करता है तो उनसे बाल काटने के 300 रुपये और दाढ़ी बनाने के 200 रुपये ले। नाई ने इससे इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह बाल काटने के 80 और दाढ़ी बनाने के 60 रुपये से ज्यादा नहीं लेगा, क्योंकि सभी के लिए चार्ज बराबर है। मल्लिकार्जुन ने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी, लेकिन नहीं हुई सुनवाई।
पीड़ित नाई का आरोप है कि इसके बाद महादेव और उसके साथियों ने गांव के लोगों से उसका बहिष्कार करने के लिए कहा। साथ ही, उसके बेटे को घर के बाहर से उठा लिया। नाई ने मीडिया को बताया कि आरोपियों ने उसके बेटे को जबरन शराब पिलाई। इसके बाद उन्होंने उसके बेटे को निर्वस्त्र कर दिया और उसका वीडियो बना लिया।