The Angle
जयपुर
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के 62वां प्रांतीय अधिवेशन का आयोजन हुआ। इसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने शिरकत की। सीएम भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक की भूमिका छात्र को शिक्षा देने तक सीमित नहीं है। छात्र में चरित्र का निर्माण और उनकी क्षमताओं का विकास भी करते हैं। गुरु अंधेरे में प्रकाश भरता है। गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर रहा है।
भजनलाल शर्मा बोले- पिछली सरकार ने 90 हजार करोड़ का घाटा छोड़ा
भजनलाल शर्मा ने कहा कि राष्ट्र हित में शिक्षा, शिक्षा हित में शिक्षक और शिक्षक हित में समाज महासंघ के मुख्य सूत्र हैं। 6 माह में हमारी सरकार ने जो काम किए, लोग कहते हैं कि बिजली की समस्या है। पिछली सरकार ने 90 हजार करोड़ का घाटा दिया। आज हमें उधारी की बिजली चुकानी पड़ रही है। पिछले 5 साल में बिजली उत्पादन के लिए काम नहीं हुआ। आगामी वर्षों में हम बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे। यही हाल महाविद्यालयों में शिक्षा का है। जेजेएम में जहां पानी की व्यवस्था नहीं है, वहां पहले पाइप लाइन डाल दी गई।
भारत में रही है गुरु-शिष्य की महान परंपरा- सीएम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भारत माता की जय का उद्घोष लगवाया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिवेशन में मौजूद सभी माननीयों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज मुझे यहां आने का मौका मिला, इसके लिए मैं महासंघ का आभारी हूं। भारत में गुरु और शिष्य की महान परंपरा रही है। गुरु आकाश की तरह होता है। हम सभी पर भी किसी न किसी गुरु की कृपा है। शिक्षक राष्ट्र के प्रति समर्पित होता है। देश की भावी पीढ़ी को शिक्षक तैयार करते हैं। हमारा उद्देश्य व्यवस्था परिवर्तन होता है।