The Angle
जयपुर।
प्रदेश में आज से खेल महोत्सव का आगाज हो गया है। इस आयोजन का मकसद सिर्फ इतना है कि प्रदेशवासी हार-जीत को छोड़कर सिर्फ खेल भावना के साथ खेलें और उनमें खेलों को लेकर रुचि पैदा हो। ताकि आने वाले समय में राजस्थान के खिलाड़ी भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश और प्रदेशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा कर सकें। इसी के तहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साल हुए राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों की अपार सफलता और जनता की भारी डिमांड को देखते हुए इस साल के बजट में ग्रामीण के साथ ही शहरी ओलंपिक खेलों की घोषणा
की थी। आज मुख्यमंत्री गहलोत ने जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में इन खेलों की शुरुआत की। खास बात यह है कि दोनों पैरों के अंगूठों में लगी चोट के चलते मुख्यमंत्री गहलोत करीब 1 महीने से अपने आवास से ही तमाम कामकाज निपटा रहे थे। लेकिन आज लंबे समय बाद मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम के लिए एसएमएस स्टेडियम पहुंचे।
मुख्यमंत्री बोले- प्रदेश में बन रहा खेलों के लिए सकारात्मक माहौल
इस दौरान सीएम गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन ऐतिहासिक होगा। हमारे देश-प्रदेश में खिलाड़ियों की प्रतिभा में कमी नहीं है। लेकिन इन खिलाड़ियों को सही प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाता है। इसलिए सरकार ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेलों का सकारारात्मक माहौल बना है। खेल मंत्री अशोक चांदना और कृष्णा पूनिया की राय के अनुसार फैसले किए हैं।
सीएम गहलोत बने रैफरी, मंत्रियों ने खेली कबड्डी
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टॉस करवाकर प्रदर्शनी मैच की शुरुआत की। वहीं कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री रैफरी की भूमिका में भी नजर आए। इस दौरान सरकार के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, अशोक चांदना, महेश जोशी, लालचंद कटारिया, गोविंदराम मेघवाल और राज्य क्रीड़ा परिषद की चेयरपर्सन कृष्णा पूनिया भी कबड्डी मैच में हाथ आजमाते नजर आए। वहीं इससे पहले लोक कलाकारों में अपनी कला का प्रदर्शन कर कार्यक्रम में मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।