The Angle
जयपुर।
हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ राजस्थान के प्रमुख पार्टी नेताओं की अहम बैठक हुई। बताया जा रहा है कि बैठक में राजस्थान के विधानसभा चुनावों को लड़ने और जीतने की रणनीति को लेकर चर्चा की गई। इसके लिए क्षेत्रवार लोगों से उनके वहां के स्थानीय मुद्दों पर बात रखने को कहा गया। इनमें वो मुद्दे भी शामिल थे जो कांग्रेस के लिए फायदेमंद हैं, भाजपा को घेरने के लिए अहम हैं और वो भी जो कांग्रेस के लिए परेशानी बन सकते हैं। ऐसे में स्थानीय नेताओं से ही इन परेशानियों को दूर करने के तरीकों पर भी बात की गई।
कांग्रेस आलाकमान ने हाल ही में राजस्थान चुनाव को लेकर ली थी अहम बैठक
मीटिंग को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही था कि बैठक में सचिन पायलट को लेकर कांग्रेस ने क्या फैसला किया है। पायलट का सियासी भविष्य क्या रहने वाला है या आने वाले समय में पार्टी उन्हें क्या नई जिम्मेदारी देने वाली है। हालांकि जैसी उम्मीद थी पार्टी नेता इस सवाल को यह कहकर टालने की कोशिश करते नजर आए कि बैठक में इसे लेकर कोई बात नहीं हुई। लेकिन हाल ही में सचिन पायलट ने एक न्यूज एजेंसी को दिए अपने इंटरव्यू में जिस तरह से अपनी बात रखी, उससे तो यही लगता है कि कांग्रेस आलाकमान के सामने सचिन पायलट ने हथियार डाल दिए हैं।
सचिन पायलट ने भी माना- गहलोत सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं बेहतरीन
दरअसल अब तक सचिन पायलट जहां अपने उग्र बयानों के जरिए अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार को घेरते नजर आ रहे थे, वहीं इस हालिया इंटरव्यू में उन्होंने सीएम गहलोत को अनुभवी नेता बताया। यही नहीं पायलट ने इस बात को भी स्वीकार किया कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं बेहतरीन हैं और अगर इनके बूते पर पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ती है, तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार जरूर रिपीट होगी। इसी तरह उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने मुझे यही कहा कि भूलो और आगे बढ़ो, इसलिए मैं अब ऐसा ही करना चाहता हूं।