The Angle
जयपुर।
राजस्थान में नए सत्र से पहले एक बार फिर से छात्रसंघ चुनाव की मांग तेज होने लगी है। छात्र नेताओं ने अलग-अलग तरह से कोशिशें तेज कर दी हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने चिट्ठी अभियान शुरू किया है। वे राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पुराने पदाधिकारियों से मिल रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखने को कह रहे हैं।
आरयू के पहले छात्रसंघ अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखा पत्र
राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रथम निर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ज्ञान सिंह चौधरी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग की है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि छात्रसंघ चुनाव लोकतंत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। इन चुनावों से नया नेतृत्व तैयार होता है। साथ ही विद्यार्थी भी सही गलत की पहचान के साथ मत करना समझते हैं, इसलिए यह चुनाव होने चाहिए।
राजस्थान में पिछले सत्र में नहीं हुए थे छात्रसंघ चुनाव
बता दें राजस्थान में पिछले सत्र में छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए थे। विधानसभा के पहले सत्र में आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने विधानसभा में छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर सवाल उठाया था। तब सरकार ने कहा था कि सत्र समाप्ति के कारण इस बार चुनाव कराने का कोई विचार नहीं है। पिछली गहलोत सरकार ने अगस्त में छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगा दिए थे।
छात्रसंघ चुनाव से होकर विधानसभा-लोकसभा तक पहुंचे कई नेता
बता दें राजस्थान की सियासत में भी कई ऐसे नेता हैं जो कि छात्रसंघ चुनावों की पाठशाला से राजस्थान की विधानसभा और देश की सबसे पड़ी पंचायत लोकसभा तक पहुंचे हैं। इनमें राजेंद्र राठौड़, कालीचरण सराफ, डॉ. रघु शर्मा, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, रविंद्र सिंह भाटी, अशोक चांदना, गजेंद्र सिंह शेखावत, हनुमान बेनीवाल जैसे अनगिनत नेता शामिल हैं, जिन्होंने छात्रसंघ चुनावों में राजनीति की शुरुआत की और बाद में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर जनता का प्रतिनिधित्व किया।